घोटाला साबित, अक्षयपुरम समिति सचिव को हटाया, कमिश्नर प्रभात कुमार ने कराया था मुकदमा

समिति सदस्य राजेंद्रपुरम गंगानगर निवासी महमपाल सिंह ने वर्ष 2015 में इस घपले की शिकायत की थी। जिससे अध्यक्ष और सचिव को हटाने का आदेश जारी हुआ था।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 01:33 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:33 AM (IST)
घोटाला साबित, अक्षयपुरम समिति सचिव को हटाया, कमिश्नर प्रभात कुमार ने कराया था मुकदमा
घोटाला साबित, अक्षयपुरम समिति सचिव को हटाया, कमिश्नर प्रभात कुमार ने कराया था मुकदमा

मेरठ, जेएनएन। अक्षयपुरम कालोनी की सहकारी आवास समिति सचिव और प्रबंध कमेटी अध्यक्ष पर समिति की बैलेंस शीट में मनमानी समेत विभिन्न आरोप हैं। समिति सदस्य राजेंद्रपुरम गंगानगर निवासी महमपाल सिंह ने वर्ष 2015 में इस घपले की शिकायत की थी। जिससे अध्यक्ष और सचिव को हटाने का आदेश जारी हुआ था, लेकिन उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया। महमपाल ने इसकी शिकायत की, लेकिन कुछ न हुआ। इसके बाद महमपाल सिहं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने दो महीने में प्रकरण का निस्तारण करने का आदेश अपर आयुक्त आवास को दिया था।

इस मामले में सचिव और प्रबंध समिति अध्यक्ष ने अपना पक्ष रखा और न अभिलेख प्रस्तुत किए। यानी उन्हें आरोप स्वीकार हैं। अपर आयुक्त ने उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1985 के तहत सचिव भूपेंद्र सिंह को हटाने का आदेश जारी किया है। महमपाल सिहं ने बताया कि आदेश की जानकारी आवास समिति के सभी सदस्यों को उपलब्ध कराई जा रही है। अब सचिव भूपेंद्र सिंह का सहकारी समिति के कार्य में कोई दखल नहीं है।

कमिश्नर प्रभात कुमार ने कराया था मुकदमा

महमपाल सिंह ने बताया कि सहकारी आवास समिति के घोटालों की जांच तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने भी कराई थी। जांच में घोटाला पकड़े जाने पर उक्त लोगों के विरुद्ध वर्ष 2017 में थाना पल्लवपुरम में मुकदमा भी दर्ज कराया था।  

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