मिलीबग के हमले से आम और अमरूद को रखना है सेफ, जानिए कैसे करता है नुकसान, कैसे करना है बचाव

मिलीबग के हमले से बचाव व रोकथाम के लिए भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम ने किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है। जानिए इसके हमले से कैसे बचें।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:38 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:38 PM (IST)
मिलीबग के हमले से आम और अमरूद को रखना है सेफ, जानिए कैसे करता है नुकसान, कैसे करना है बचाव
मिलीबग के हमले से आम और अमरूद को रखना है सेफ, जानिए कैसे करता है नुकसान, कैसे करना है बचाव

मेरठ, जेएनएन। आम व लीची के अलावा कटहल, पपीता, अमरूद व अन्य फलों पर मिलीबग कीट का साया मंडरा रहा है। यह कीट एक सीजन में अपने जीवनकाल का एक चक्र पूरा कर लेता है। यह कीट मुख्य तौर पर आम व अमरूद पर हमला करता है। मिलीबग के हमले से बचाव व रोकथाम के लिए भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम ने किसानों के लिए कृषि सलाह जारी की है। वैज्ञानिकों ने किसानों को अलर्ट होने का दिशा-निर्देश दिए हैं।

इस तरह से करता है नुकसान

मिलीबग कीट आम के पेड़ की शाखाओं पर पहुंचकर इनके चारों ओर भारी संख्या में एकत्रित हो जाते हैं और यहां से वह फलों व पौधों का रस चूसते हैं। इससे शाखाएं व मंजरी सूख जाती हैं। जिस कारण फल नीचे गिर जाता है। मिलीबग कीट इस दौरान एक प्रकार का मीठा द्रव्य भी छोड़ता है, जिसे हनीडयू कहते हैं।

मिलीबग कीट का जीवन चक्र

नर कीट का औसतन जीवनकाल 100 से 125 दिन व मादा 115 दिन से लेकर 135 दिन तक का होता है। अधिक जानकारी के लिए भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के निदेशक डा. आजाद सिंह पंवार से 9412078001 और वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. चंद्रभानु से 9458609646 मोबाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।

बचाव के तरीके

- तने के आधारीय भाग पर पॉलीथिन बांधकर लगाना। मिट्टी से 30 सेंटीमीटर उपर एक फुट ऊंचाई व 400 गेज मोटी पॉलीथिन का एक पट्टा तने के चारों ओर लपेटकर उपर और नीचे कसकर बांध दिया जाता है। पॉलीथिन बंध लगाना उत्तम तरीका है।

- तने के आधारीय भाग पर कीटनाशक चूर्ण का बुरकाव। इस विधि में फलों के तनों पर मिट्टी से ढाई फुट उपर तक किसी महीन सूती कपड़े में पोटली बनाकर क्लोरपारीफॉस डस्ट नामक कीट नाशी 200 से 250 ग्राम मात्रा को तनों के चारों और धीरे-धीरे पटककर बुरकाव करते हैं। जो किसान पॉलीथिन बंध न लगा पाएं, उनके लिए यह विधि उत्तम रहेगी।

- बागों में कीटनाशकों का छिड़काव। यह अंत में पाए जाने वाला तरीका है। जिसमें उपयुक्त दोनों विधियों का किसान प्रयोग नहीं कर पाए हों। यदि मिलीबग कीट उपर तक चढ़ गए हों तो उन्हें नियंत्रण करने का यही कारगर उपाय है। इसक लिए डाईमेथोयट 30 ईसी नामक कीटनाशी की दो मिली मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोलकर प्रभावित फल वृक्षों पर बाग वाले स्प्रेयर से छिड़काव करके अच्छे से नहला देते हैं। इसके परिणाम स्वरूप सभी कीड़े मरकर पेड से नीचे गिर जाते हैं और बाग इनके प्रकोप से बच जाता है। 

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