मेरठ कैंट में अब सौ रुपये में नहीं बिकेगी करोड़ोंं की संपत्ति, ऐसे स्टांप पर खरीद फरोख्त पर लगाई गई रोक
मेरठ छावनी में आपसी सहमति के आधार पर 100 रुपये का स्टाम्प पेपर लगाकर करोड़ों रुपए की संपत्ति की खरीद-फरोख्त कर लेता है। लेकिन अब कुछ नियमों के आधार पर छावनी परिषद ने रजिस्ट्री करने की अनुमति दे दी है। सौ रुपये के स्टांप पर संपत्ति नहीं बिकेगी।
मेरठ, जेएनएन। आप सुनकर आश्चर्य में पड़ सकते है। मेरठ छावनी में 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर करोड़ों की संपत्ति खरीद-फरोख्त की जाती है। कारण छावनी में रजिस्ट्री पर रोक है। इसमें जिसे जरूरत होती है वह आपसी सहमति के आधार पर 100 रुपये का स्टाम्प पेपर लगाकर करोड़ों रुपए की संपत्ति की खरीद-फरोख्त कर लेता है। लेकिन अब कुछ नियमों के आधार पर छावनी परिषद ने रजिस्ट्री करने की अनुमति दे दी है। दरअसल छावनी में जो भी जमीन होती है वह भारत सरकार की मानी जाती है। उसके ऊपर जो भी स्ट्रक्चर यानी भवन बना रहता है।
परिषद में कर सकते हैं आवेदन
केवल उसी पर कब्जेदार का मालिकाना हक रहता है। ऐसी बहुत सी प्रॉपर्टी में चेंज ऑफ परपज होने की वजह से छावनी के जीएलआर में बहुत से लोगों का नाम नहीं दर्ज है। इसकी वजह से वर्ष 2010 से ही छावनी परिषद में रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई। बावजूद कुछ लोग सौ रुपये के पेपर पर खरीद-फरोख्त करते रहे हैं। अब छावनी परिषद ने सिविल एरिया में लीज की प्रॉपर्टी, ओल्ड ग्रांट में सेल, परचेज, मॉर्टगेज करने की सुविधा दी है। इसके तहत जिन अभी कुछ लोगों को अपनी प्रॉपर्टी यानी सुपरस्ट्रक्चर को बेचने की अनुमति दे दी गई है। इससे छावनी के ऐसे लोग जो किसी कारण से अपनी प्रॉपर्टी यानी सुपरस्ट्रक्चर को बेचना चाहते हैं। वह उचित कारण बताते हुए छावनी परिषद में आवेदन कर सकते हैं।
10 साल बाद खुलेगी रजिस्ट्री
छावनी परिषद ने अभी 11 लोगों को अपनी प्रॉपर्टी सेल करने की अनुमति दी है। उसमें धर्मपुरी टंकी मोहल्ला सदर, टांडेल मोहल्ला बीसी बाजार, मैदा मोहल्ला, कबाडी बाजार सदर, ढोलकी मोहल्ला दाल मंडी, धर्मपुरी जामुन मोहल्ला बाजार में अनुमति दी गई है। सभी प्रॉपर्टी ओल्ड ग्रांट हैं।
बहुत बड़ी राहत मिली
छावनी परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष व सदस्य बीना वाधवा का कहना है कि पिछले कई साल से वह इसकी लगातार मांग करती रही थी कि जिन लोगों का एचओआर में नाम दर्ज है। म्यूटेशन हो चुका है। उन्हें जरूरत पड़ने पर अपनी प्रॉपर्टी यानी सुपरस्ट्रक्चर को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए। छावनी में बहुत से ऐसे लोग शादी-विवाह, शिक्षा अन्य कारणों से अपनी प्रॉपर्टी यानी सुपरस्ट्रक्चर को बेचना चाहते थे। उन्हें बड़ी राहत मिली है। सिविल एरिया में एनओसी मिलने से बैंक में लोन के लिए भी अप्लाई कर सकेंगे।