हस्तिनापुर में प्रगतिशील किसान ने तैयार किया ग्रीनलैंड फार्म, पर्यटकों को मिलेंगी ये अनोखी सुव‍िधाएं

हस्तिनापुर खादर में 60 बीघा जमीन में ग्रीनलैंड फार्म बनाकर उन्होंने एग्रो टूरिज्म का शानदार नमूना पेश किया है। दिल्ली समेत कई राज्यों के पर्यटक यहां पहुंचकर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाते हैं। छह लिविंग काटेज के साथ रहने-खाने की भी सुविधा।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 03:14 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 03:14 PM (IST)
हस्तिनापुर में प्रगतिशील किसान ने तैयार किया ग्रीनलैंड फार्म, पर्यटकों को मिलेंगी ये अनोखी सुव‍िधाएं
हस्तिनापुर में मध्य गंगनहर किनारे एग्रोटूरिज्म को प्रदर्शित करता ग्रीनलैंड फार्म।

मेरठ, विनय विश्वकर्मा। जहां चाह, वहां राह...। दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत संकल्प के इस सूत्रवाक्य को चरितार्थ किया है प्रगतिशील किसान अजय मलिक ने। खादर क्षेत्र को बंजर माना जाता है, लेकिन हस्तिनापुर खादर में 60 बीघा जमीन में ग्रीनलैंड फार्म बनाकर उन्होंने एग्रो टूरिज्म का शानदार नमूना पेश किया है। दिल्ली समेत कई राज्यों के पर्यटक यहां पहुंचकर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाते हैं। फार्म के एक तरफ फसल लहलहाती हैं तो दूसरी तरफ इठलाकर बहती गंगनहर है। अजय बताते हैं कि उन्होंने फिल्म उत्तराखंड स्थित अभिनेता धर्मेंद्र के फार्म की तर्ज पर फार्म बनाने का प्रयास किया है। इस प्वाइंट पर बच्चों के खेल-झूले, नौकायन, बैडम‍िंटन, ठहरने के कमरे आदि की सुविधा के साथ कबूतर भी पालकर रखे गए हैं।

पर्यटकों को लुभाते हैं देशी व्यंजन

मेरठ से लगभग 37 किमी दूर हस्तिनापुर में मध्य गंगनहर किनारे ग्रीन लैंड फार्म तैयार किया गया है। अजय बताते हैं कि शहरी जीवन की भागदौड़ व शोर-शराबे से लोक उकता जाते हैं। कई राज्यों के पर्यटक यहां आकर ग्राम्य जीवन का लुत्फ उठाते हैं। फार्म के चारों ओर खेतों में गन्ना, सरसों, पालक, आलू व मूली की फसलें हैं।

शुद्ध देशी भोजन

पर्यटकों के लिए देशी भोजन जिसमें चने व सरसों का साग, मक्का की रोटी, कढ़ी, गाय के दूध व उससे तैयार किया गया मट्ठा, घी और मक्खन भोजन में दिया जाता है। सभी शुद्ध देशी घी में तैयार होते हैं।

लिविंग काटेज में ग्राम्य परिवेश

ग्रीनलैंड फार्म में पर्यटकों के रहने के लिए छह लिविंग काटेज बनाए हैं। काटेज के कमरों में ग्राम्य परिवेश झलकता है। इलेक्ट्रानिक बोर्ड में 80 के दशक वाले खटके के स्विच लगे हैं। काटेज की छत भी पराली से तैयार की गई है। कमरे के बाहर 50 से अधिक गमले हैं, जिनमें खूबसूरत फूल खिले हैं। कमरे के बाहर घूमने के लिए हरी घास का लंबा मैदान है।

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