जलस्तर बढ़ने पर गहरा रही समस्या, पांच विद्यालय अस्थाई रूप से बंद

हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने एहतियात के तौर पर पांच विद्यालयों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। खंड शिक्षा अधिकारी राहुल धामा का कहना है कि फतेहपुर प्रेम सिरजेपुर दबखेड़ी रठौरा कलां परसापुर हंसापुर गांवों के विद्यालय फिलहाल बंद रहेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:22 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:22 PM (IST)
जलस्तर बढ़ने पर गहरा रही समस्या, पांच विद्यालय अस्थाई रूप से बंद
जलस्तर बढ़ने पर गहरा रही समस्या, पांच विद्यालय अस्थाई रूप से बंद

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने एहतियात के तौर पर पांच विद्यालयों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। खंड शिक्षा अधिकारी राहुल धामा का कहना है कि फतेहपुर प्रेम, सिरजेपुर, दबखेड़ी, रठौरा कलां, परसापुर हंसापुर गांवों के विद्यालय फिलहाल बंद रहेंगे। जलस्तर में कमी और रास्ते खुलने पर दोबारा कक्षाएं चलनी शुरू हो जाएंगी।

हस्तिनापुर-रामराज मार्ग पर कई फुट पानी

हस्तिनापुर से रामराज जाने वाले संपर्क मार्ग पर कई फुट पानी चल रहा है, जबकि भीकुंड मोड़ व लतीफपुर मार्ग पर पानी-पानी दिखाई दे रहा है। दो पहिया वाहन नहीं चल पा रहे हैं।

-दो जनपदों को जोड़ने वाला हाईवे हुआ बंद

मवाना-चांदपुर को जोड़ने वाला हाईवे 147 भारी पानी होने से स्थानीय प्रशासन ने वाहनों का आवागमन बंद कर दिया, जबकि पुलिस द्वारा भीकुंड मोड़ पर ही वाहनों को रोका जा रहा है। जिससे लोगों परेशानी खड़ी हो गयी और बिजनौर जाने के लिए कई किमी की दूरी बढ़ गई।

-एप्रोच रोड फिर बनी परेशानी का सबब

गंगा की एप्रोच रोड एक बार फिर से परेशानी का सबब बनी है। सिरजेपुर की ओर से आया पानी एप्रोच रोड से टकराकर पीछे की ओर आ रहा है। जिससे किशनपुर, हादीपुर गांवडी, लतीफपुर आदि गांवों के जंगल जलमग्न हो गए है तथा पानी बस्ती के समीप तक आ पहुंचा है। किशनपुर के दर्शन सिंह चाकर, बगीचा सिंह, लतीफपुर के प्रधान दिलदार सिंह आदि का कहना है कि प्रशासन को एप्रोच रोड को काटकर पानी की निकासी की व्यवस्था बनानी चाहिए और भविष्य के लिए एप्रोच रोड में बड़ी पुलियों का निर्माण कराया जाए। जिससे पीछे से आने वाले पानी की सुगमता से निकासी हो सके।

गेहूं की बुआई भी पिछड़ी

खादर क्षेत्र में खेतों के जलमग्न होने के कारण गेहूं की बुवाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। भूमि में नमी होने के कारण गेहूं की बुवाई में देरी हो जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. ओमवीर सिंह का कहना है कि खेतों में पानी भरा होने के कारण खादर क्षेत्र में गेहूं की फसल की बुवाई में देरी होगी। किसान खेतों को सुखाने के लिए एक बार जुताई कर दें। खादर के किसानों को पछेती गेहूं की प्रजाति की ही बुवाई करनी पड़ेगी।

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