विवि में जारी रहेगी प्राइवेट पढ़ाई, सीसीएसयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय

चौधरी चरण सिंह विवि से स्नातक और परास्नातक के प्राइवेट की पढ़ाई आगे भी जारी रहेगी। विवि प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए फार्म भरवाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:15 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:15 AM (IST)
विवि में जारी रहेगी प्राइवेट पढ़ाई, सीसीएसयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय
विवि में जारी रहेगी प्राइवेट पढ़ाई, सीसीएसयू की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विवि से स्नातक और परास्नातक के प्राइवेट की पढ़ाई आगे भी जारी रहेगी। विवि प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए फार्म भरवाएगा। शुक्रवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। प्राइवेट शिक्षा भी रेगुलर की तरह ही गुणवत्तापरक रहेगी। ऐसे में हजारों छात्र, जो प्राइवेट शिक्षा लेना चाहेंगे, उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं रहेगी। दूरस्थ शिक्षा संचालित करने वाले कुछ विश्वविद्यालयों की ओर से प्राइवेट शिक्षा को रेगुलर विवि में बंद करने के लिए सुझाव दिया गया था। इस पर राजभवन ने सीसीएसयू से भी विचार कर अपना निर्णय देने को कहा था। एकेडमिक काउंसिल की सहमति से इसे जारी रखने का निर्णय लिया गया है। काउंसिल के सदस्यों का कहना था कि चौधरी चरण सिंह विवि ग्रामीण अंचल, निर्धन कृषक परिवारों और कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करता है। विवि में संचालित प्राइवेट पाठ्यक्रम पूरी तरह से संस्थागत शिक्षा की तरह है। इसमें किसी भी तरह गुणवत्ता से समझौता नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय के भौगोलिक क्षेत्र से महिला अभ्यर्थी घर पर रहकर व्यक्तिगत शिक्षा का लाभ उठा रही हैं। ऐसे में इस पर किसी भी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। प्राइवेट शिक्षा जारी रखने पर सहमति बनी है। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने की।

एकेडमिक काउंसिल (विद्वत परिषद) की बैठक में ये निर्णय भी हुए

भूगोल में उपाधि के नियम बदले

भूगोल पाठ्यक्रम में पारित निर्णय में संशोधन किया गया है। संबंधित पाठ्यक्रम को एक मानते हुए विवि के नियमानुसार कला, बीसीए, बीबीए के छात्र भूगोल में पीजी करते हैं, तो उन्हें एमए भूगोल की डिग्री मिलेगी। विज्ञान और तकनीकी में स्नातक के बाद भूगोल से पीजी करते हैं तो एमएससी भूगोल की डिग्री दी जाएगी।

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को समिति गठित

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रस्तावित कार्य योजना के लिए विवि ने एक समिति का गठन किया है। इसमें प्रतिकुलपति, कला, इंजीनियरिग टेक्नोलाजी, कृषि संकायाध्यक्ष और छात्र अधिष्ठाता कल्याण को शामिल किया गया है। शासन से जो भी नई शिक्षा नीति को लेकर प्रस्ताव होंगे, उसका क्रियान्वयन यह समिति करेगी।

अगले सत्र से मानस व गीता की भी पढ़ाई

भारतीय संस्कृति और उसकी वैज्ञानिकता से छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए श्रीरामचरित मानस और श्रीमद्भागवत गीता में छिपे विज्ञान और प्रबंधन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। विवि में इसमें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चलाने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। श्रीरामचरित मानस और गीता में संस्कृति व विज्ञान विषय पर एक प्रश्नपत्र स्नातक स्तर पर शुरू किया जाएगा। आगामी शैक्षिक सत्र 2020-21 से पाठ्यक्रम शुरू होगा। यह एक वैकल्पिक विषय होगा। इसमें सात अध्याय निर्धारित किए गए हैं।

पीएचडी का अध्यादेश बदला

पीएचडी के अध्यादेश में संशोधन किया गया है। अभी तक कई विषयों में सुपरवाइजर नहीं मिल पाते थे। अब एलाइड सब्जेक्ट में भी पीएचडी कराने पर सहमति मिल गई है। यानी एमए के बाद अगर कोई छात्र कला के संग किसी अन्य विषय को जोड़ते हुए पीएचडी करना चाहेगा, तो उससे संबंधित विषय के सुपरवाइजर भी गाइड कर सकेंगे। हालांकि उसकी पीएचडी जिस संकाय की मास्टर डिग्री होगी, उसी की मानी जाएगी। ऐसे उम्मीदवारों को प्री पीएचडी की अर्हता हासिल करनी होगी।

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