मेडिकल कॉलेज में पॉलीथिन पर रोक

अगर आप मेडिकल कॉलेज परिसर व अस्पताल में पॉलीथिन व थर्माकोल लेकर जा रहे हैं तो यह आपको महंगा पड़ सकता है। क्योंकि मेडिकल कॉलेज को पॉलीथिन एवं थर्माकोल मुक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 04:00 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 04:00 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज में पॉलीथिन पर रोक
मेडिकल कॉलेज में पॉलीथिन पर रोक

जासं, मेरठ : अगर आप मेडिकल कॉलेज परिसर व अस्पताल में पॉलीथिन व थर्माकोल लेकर जा रहे हैं तो यह आपको महंगा पड़ सकता है। क्योंकि मेडिकल कॉलेज को पॉलीथिन एवं थर्माकोल मुक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है। प्राचार्य ने इन पर रोक लगा दी है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर एक हजार से पचास हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि जो दुकानदार पानी का पाउच समेत अन्य सामग्रियों की सप्लाई पॉलीथिन के जरिए अस्पताल में करते पाए जाएंगे उनसे जुर्माना पचास हजार रुपये तक वसूला जाएगा। जबकि मरीज-तीमारदार और मेडिकल स्टॉफ से जुर्माने की राशि वस्तुस्थिति के अनुसार एक हजार रुपये या इससे अधिक भी वसूली जा सकती है। कॉलेज कैम्पस में निवास करने वाले डॉक्टर्स, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं को पॉलीथिन व थर्माकॉल का उपयोग न करने की सलाह दी गई है। अस्पताल में मरीजों-तीमारदारों को पॉलीथिन का प्रयोग करने से रोकने के प्रमुख अधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं। सीसीटीवी से लैस होगा मेडिकल कॉलेज

सब कुछ योजना के तहत हुआ तो आने वाले कुछ महीनों में ही मेडिकल कॉलेज व चिकित्सालय परिसर सीसीटीवी कैमरे से लैस हो जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में बीते 13 सितंबर को बैठक सीएमओ कार्यालय में हुई थी। इसमें सीसीटीवी लगाने का निर्णय लिया गया था। यह कार्य दो हिस्सों में होगा। पहले हिस्से में मेडिकल कॉलेज व चिकित्सालय परिसर की चारदीवारी को सीसीटीवी से कवर करने की योजना है। दूसरे हिस्से में कॉलेज में, चिकित्सालय में, ओपीडी, ब्लड बैंक समेत सभी वार्डो व जरूरी स्थानों और छात्रावासों में भी कैमरे लगाए जाने हैं। जल्द ही स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव बनाकर चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भेजेगा। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। इसे देखते हुए ही सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय हुआ है। प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।

chat bot
आपका साथी