पैदल ही सुप्रीम कोर्ट जा रहे सहारनपुर के प्रवीण बोले-बेकसूर मिलने पर तय हो सिस्टम की जिम्मेदारी
प्रवीण कुमार ने बताया कि शनिवार को वह गाजियाबाद पहुंच गए हैं। गाजियाबाद में रात्रि विश्राम करेंगे। बकौल प्रवीण उन पर पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी वापस लौटने और सुप्रीम कोर्ट में याचिका न डालने का दबाव बना रहे हैं।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। सहारनपुर के प्रवीण कुमार उर्फ पर्व की सामाजिक न्याय यात्रा शनिवार को गाजियाबाद पहुंच गई। वह तीन अगस्त तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। दो-तीन दिन तक याचिका तैयार कराने में लगेंगे। छह अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अपने अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल करेंगे।
याचिका नहीं डालने का दबाव
प्रवीण कुमार ने बताया कि शनिवार को वह गाजियाबाद पहुंच गए हैं। गाजियाबाद में रात्रि विश्राम करेंगे। बकौल प्रवीण, उन पर पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी वापस लौटने और सुप्रीम कोर्ट में याचिका न डालने का दबाव बना रहे हैं। प्रवीण का कहना है उन्हें काफी दर्द झेलना पड़ा है लेकिन अब वह सभी के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
अब लड़ाई अकेले की नहीं
यह लड़ाई उनकी अकेले की नहीं, बल्कि पूरे देश के उन लोगों की है, जिन्हें पुलिस या जांच एजेंसी क्लीन चिट देती हैं। फिर भी उन्हें उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ता है। कई बार पुलिस और सरकारी एजेंसी दोषी पाती हैं तो बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित बताती हैं। सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करूंगा कि किसी बेकसूर के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। जांच एजेंसी और पुलिस की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। मानसिक उत्पीडऩ करने वालों पर कार्रवाई के लिए ही यह यात्रा शुरू की है।
ये है पूरा मामला
कुछ दिन पहले लखनऊ में पकड़े गए मतांतरण कराने वालों की सूची में सहारनपुर के शीतलाखेड़ी गांव निवासी प्रवीण कुमार का भी नाम था। एटीएस ने लखनऊ में पूछताछ के बाद उन्हें जांच में बेकसूर पाया था। जब वह घर पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें आतंकी कहा। उनके मकान पर आतंकवादी का घर लिख दिया गया। एक पर्चा फेंका, जिसमें लिखा था कि वह पाकिस्तान चला जाए।