बस एक सवाल, कहा है हमारे मरीज का सामान
मेडिकल कालेज में कुछ कर्मियों की लापरवाही के कारण संक्रमित मरीजों के स्वजन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज में कुछ कर्मियों की लापरवाही के कारण संक्रमित मरीजों के स्वजन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यहा भर्ती मरीज और दम तोड़ चुके संक्रमितों के सामान के संबंध में जानकारी करने और लौटने के लिए पूछताछ केंद्र खोला गया है लेकिन यहा स्वजन घटों धूप में तपकर वापस लौट जा रहे हैं। तमाम शर्त और अनदेखी के कारण लोगों को अपने मरीज के सामान के संबंध में कोई सटीक जानकारी तक नहीं मिल पा रही है।
शामली निवासी सर्वेश जैन की सप्ताह भर पहले कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई थी। तब स्वजन शव को लेकर चले गए। शुक्रवार को सर्वेश का बेटा सचिन अपने पिता का मोबाइल फोन और पानी गरम करने की केतली लेने के लिए यहा पहुंचा। इधर-उधर चक्कर काटने के बाद उसे पूछताछ केंद्र पर भेज दिया गया। यहा करीब एक घटे बाद उसका नंबर आया तो मोबाइल फोन और केतली का बिल माग लिया गया। मोबाइल का बिल उपलब्ध भी कराया गया, लेकिन बाद में आने की बात कहकर सचिन को लौटा दिया गया। सचिन के साथ पूछताछ केंद्र के बाहर लगी कतार में लगे अन्य स्वजन का भी ऐसा ही हाल है। कई लोगों ने बताया कि उनके मरीज कोविड वार्ड में भर्ती हैं। हम हर दिन खाने-पीने की वस्तुओं के साथ जरूरत का अन्य सामान भी मेडिकल स्टाफ के हवाले करते हैं लेकिन मरीज फोन पर कोई भी सामान न मिलने की शिकायत करता है। अब पता नहीं सामान कहा जा रहा है। उधर, पूछताछ केंद्र पर तैनात कर्मी मरीज के स्वजन को आश्वासन तो दे रहे हैं, लेकिन सामान लौटाया नहीं जा रहा है।