Pollution In Meerut: प्रदूषण के बीच इसी हवा में लेनी है सांस, सुधार की आस नहीं, दिल और फेफड़ों पर असर

Pollution In Meerut प्रदूषण को लेकर खतरा बरकरार है। मेरठ के तीन एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशनों की रिपोर्ट देखें तो एक्यूआइ का स्तर 300 से 350 के बीच बना हुआ है। मानक के मुताबिक एक्यूआइ की मात्रा 100 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:45 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:45 AM (IST)
Pollution In Meerut: प्रदूषण के बीच इसी हवा में लेनी है सांस, सुधार की आस नहीं, दिल और फेफड़ों पर असर
पीएम2.5 का स्तर लगातार 300 से ज्यादा, हवा खतरनाक।

मेरठ, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण की हालत गंभीर बनी हुई है। पीएम2.5 एवं पीएम10 की मात्रा मानक से कई गुना बनी हुई है। चिकित्सकों ने बताया कि ओपीडी में अस्थमा, हार्ट, नाक की एलर्जी, खांसी, गले में दर्द एवं सांस के अटैक के मरीज बढ़ गए हैं। पारा गिरने के साथ पार्टीकुलेटर मैटर की मात्रा हवा में और बढ़ेगी। इनदिनों बगैर मास्‍क लगाए घर से बाहर न निकलें।

मरीजों में आक्सीजन का स्तर कम

एनसीआर में हवा की सेहत गिरती जा रही है। पिछले दिनों मेरठ में पीएम 2.5 की मात्रा ढाई सौ तक आ गई थी, जो बढ़कर 309 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई। मेरठ के तीन एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशनों की रिपोर्ट देखें तो एक्यूआइ का स्तर 300 से 350 के बीच बना हुआ है। मानक के मुताबिक एक्यूआइ की मात्रा 100 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। मेडिकल कालेज की फिजिशियन डा. संध्या गौतम ने बताया कि कोविड से पीडि़त रहे कई मरीजों में आक्सीजन का स्तर कम मिल रहा है। प्रदूषित हवा की वजह से फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। मेरठ में शुक्रवार को हवा में धुंध छाई रही। धूल, वाहनों का धुआं, कचरा दहन एवं औद्योगिक चिमनियों से बड़ी मात्रा में प्रदूषित कण वातावरण में पहुंच रहे हैं।

धुंधभरी हवा में व्‍यायाम करने से बचें

बढ़ते प्रदूषण के बीच सेहत का भी ध्‍यान रखना जरूरी है। हवा में धूलकणों के साथ निकिल, पारा, क्रोमियम एवं मालिब्डेनम जैसी भारी धातुएं भी तैर रही हैं, जिससे हार्ट अटैक से लेकर कैंसर तक का खतरा है। मेरठ में विशेषज्ञों का कहना है कि तीन माह तक फेफड़ों को प्रदूषित हवा में घुटना होगा, जो बेहद खतरनाक है। कई मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस तक मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर मेरठ में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. विनीत बंसल का कहना है कि वायु प्रदूषण में कई प्रकार के विषाक्त कण होते हैं, जिससे दिल की नसों को नुकसान पहुंचता है। सर्दियों में रक्त गाढ़ा होने एवं वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक भी ज्यादा होता है। फेफड़ों के मरीजों के दिल पर लोड पड़ता है। धुंधभरी हवा में एक्सरसाइज न करें।

प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता का हाल

शहर, एक्यूआइ

दिल्ली, 346

गाजियाबाद, 342

मेरठ, 328

नोएडा, 312

फरीदाबाद, 292

गुरुग्राम, 292

ग्रेटर नोएडा, 262

बुलंदशहर, 258

स्रोत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बुलेटिन।  

chat bot
आपका साथी