Pollution In Meerut: बूंदाबांदी से भी नहीं धुली प्रदूषण की घनी चादर, जानिए कितना रहा एक्‍यूआइ स्‍तर

Pollution In Meerut यह संकेत अच्‍छे नहीं हैं। प्रदूषण के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। बूंदाबांदी हुई और बौछारें भी पड़ी लेकिन प्रदूषण की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ। आने वाले दिनों में प्रदूषण के और बढ़ने की आशंका है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:30 AM (IST)
Pollution In Meerut: बूंदाबांदी से भी नहीं धुली प्रदूषण की घनी चादर, जानिए कितना रहा एक्‍यूआइ स्‍तर
दिल्ली रहा सर्वाधिक प्रदूषित, मेरठ में बारिश के बाद भी एक्यूआइ स्‍तर अधिक।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Pollution In Meerut मेरठ में बादलों की चादर ने प्रदूषण की स्थिति को खतरे के मानक पार पहुंचा दिया। शाम को बूंदाबांदी हुई और बौछारें भी पड़ी लेकिन प्रदूषण की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ। अभी प्रदूषण को लेकर मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। मास्‍क लगाकर की घर से बाहर निकलें।

दिल्ली देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

शाम चार बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शाम चार बजे जारी बुलेटिन में दिल्ली देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। वहां पर एक्यूआइ 426 पर पहुंच गया। जो कि गंभीर खतरे की स्थिति की द्योतक है। मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक 328 रहा। शाम चार बजे ही पल्लवपुरम और गंगानगर में यह क्रमश: 314 और 343 रहा। शाम छह बजे और 10 बजे के एक्यूआइ में कोई विशेष सुधार नजर नहीं आया। बौछारें इतनी तेज नहीं थी कि वह प्रदूषण की घनी चादर को बेध पाती। दोपहर में पीएम 2.5 भी 325 से 350 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच बना रहा। आने वाले दिनों में प्रदूषण की स्थित गंभीर बनी रहेगी।

शाम चार बजे रात छह बजे रात 10 बजे

पल्लवपुरम 314 317 322

गंगानगर 343 344 339

दो दिसंबर को शाम चार बजे विभिन्न शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति

दिल्ली - 426

बागपत - 385

गुरुग्राम - 377

ग्रेटर नोएडा - 356

हापुड़ - 345

गाजियाबाद - 347

मुजफ्फरनगर - 335

आगरा - 332

मेरठ - 328

धुंध छाते ही गहराया प्रदूषण, संकट में सेहत

वहीं दूसरी ओर पारा गिरने के साथ ही धुंध गहराई, और हवा की सेहत तेजी से बिगड़ी। पीएम2.5 का स्तर साढ़े तीन सौ का आंकड़ा पार कर गया। मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल एवं निजी क्लीनिकों में सांस, खांसी, एलर्जी और हार्ट के मरीज बढ़ गए हैं। एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। पिछले दो दिनों के दौरान एक्यूआइ में करीब सौ अंकों की गिरावट देखी गई, लेकिन बुधवार को काली धुंध छाने के साथ ही पार्टीकुलेट मैटर हवा में निचली परत में आ गए। सुबह से पीएम2.5, पीएम10, कार्बन डाई आक्साइड, मोनोआक्साइड, नाइट्रोजन एवं सल्फर का स्तर बढऩे लगा।

मरीजों में आक्सीजन की कमी

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट बताती है कि तापमान 10 डिग्री के नीचे आने पर पीएम2.5 की मात्रा और बढ़ेगी। अस्थमा एवं सीओपीडी के मरीजों में आक्सीजन की कमी मिल रही है। मेरठ में निर्माण कार्य एवं उखड़ी सड़कों की धूल, पुराने डीजल वाहन, जनरेटर, भट्ठों में प्रयोग होने वाले ईंधन और औद्योगिक चिमनियों से बड़ी मात्रा में पार्टीकुलेट मैटर हवा में पहुंच रहा है। मौसम विज्ञानियों ने बारिश की आशंका जताई है, ऐसे में अम्लीय वर्षा का रिस्क होगा।  

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