बागपत में दिन निकलते ही प्रदूषण का कहर, जानें-क्या कहते हैं अफसर
कुछ दिनों से बागपत प्रदूषण की लगातार मार सह रहा है। शुक्रवार को दिन निकलते ही प्रदूषण ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। गुरुवार की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स 331 के साथ बागपत देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर में पहले स्थान पर रहा था।
बागपत, जेएनएन। बागपत जिले में शुक्रवार को दिन निकलते ही वायु प्रदूषण ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। गुरुवार की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स 331 के साथ बागपत देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर में पहले स्थान पर रहा था। शुक्रवार को हालात और ज्यादा खराब होने से बागपत में सुबह 11 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 355 पर पहुंच गया। पीएम-2.5 का स्तर 200 तथा पीएम-10 का स्तर 400 रहा है। इससे लोगों को दम घुटने लगा है। श्वास संबंधी मरीजों की तो जान पर बन आई है। इसके बावजूद वायु प्रदूषण में कमी लाने को सरकारी तंत्र ने रत्तीभर प्रयास नहीं किया है। ऐसा हाल त तब है जब बागपत में पराली नहीं जलाई जा रही है।
ऐसे बढ़ रहा वायु प्रदूषण
धुंआ उगलते कंडम वाहनों, धूल के गुबार, मिट्टी एवं बालू खनन एवं परिवहन, जल रहे कूड़े-कचरे पर रोक लगाने तथा सड़क निर्माण में पानी छिड़काव कराने की अधिकारियों को कतई चिंता नहीं है।
इनका कहना है
प्रदूषण का लगातर बढ़ना चिंता की बात है। तमाम कोशिशों के बावजूद बागपत में वायु प्रदूषण में कमी नहीं आ रही है। वायु प्रदूषण में कमी लाने को सड़क और निर्माण स्थलों पर पानी छिड़काव कराया जा रहा है।
- प्रखर कटियार, सहायक अभियंता-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
वायु प्रदूषण में कमी लाने को हर संभव प्रयास कर रहे है। निर्माण स्थलों और सड़क पर पानी छिड़काव करवा रहे हैं। फसल अवशेष जलाने से रोकने को निगरानी कमेटियों को सक्रिय किया हुआ है।
- अमित कुमार सिंह, एडीएम