मेरठ में दो थानों की पुलिस सात दिन तक छिपाती रही युवक की मौत

मेरठ के ब्रहमपुरी क्षेत्र के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने थाना टीपी नगर और थाना ब्रह्मपुरी पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि स्‍वजन गुमशुदगी दर्ज कराने को सात दिन तक थाना ब्रह्मपुरी और टीपी नगर के चक्कर लगाते रहे लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:03 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:03 PM (IST)
मेरठ में दो थानों की पुलिस सात दिन तक छिपाती रही युवक की मौत
कलेक्ट्रेट पहुंचे मृतक युवक के स्‍वजन और अन्य लोग

मेरठ, जागरण संवाददाता । दिल्ली रोड स्थित एक दवा कंपनी में काम करने वाले युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। उसके स्‍वजन गुमशुदगी दर्ज कराने को सात दिन तक थाना ब्रह्मपुरी और टीपी नगर के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। युवक की उसी रात हापुड़ रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। पुलिस ने मौत के सातवें दिन स्‍वजन को अज्ञात शव मिलने की जानकारी दी। गुरुवार को मृतक युवक के स्‍वजन और बड़ी संख्या में अन्य लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दोनों थानों के लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मृतक युवक की पत्नी और बच्चों को आर्थिक सहायता देने की मांग की।

यह है मामला

ब्रहमपुरी क्षेत्र के मोहल्ला इंदिरा नगर से बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्होंने थाना टीपी नगर और थाना ब्रह्मपुरी पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर महिला मंजू पत्नी नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनका सबसे छोटा पुत्र रोहित उर्फ मंटू दिल्ली रोड स्थित एक दवा कंपनी में काम करता है। 14 सितंबर की शाम को वह ड्यूटी के बाद घर वापस नहीं पहुंचा। परिवार वालों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन नहीं मिला। अगले दिन कंपनी के मालिक से पूछताछ की। आरोप है कि गायब युवक की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए स्‍वजन थाना ब्रह्मपुरी पहुंचे तो वहां से उन्हें थाना टीपी नगर का मामला बताकर थाना टीपी नगर भेज दिया गया। थाना टीपी नगर पुलिस ने उन्हें वापस ब्रह्मपुरी भेज दिया। तीन दिन की जद्दोजहद के बाद आखिरकार थाना ब्रह्मपुरी से एक दारोगा और सिपाही दवा कंपनी में पहुंचे। दवा कंपनी में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग देखी गई तो युवक रोहित ड्यूटी खत्म करने के बाद कंपनी मालिक के साथ गाड़ी में बैठकर जाता दिखाई दिया। कंपनी के मालिक से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने रोहित को ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे पर छोड़ दिया था। 

गुमशुदगी के आठवें दिन 22 सितंबर को थाना टीपी नगर से फोन करके 15 सितंबर की रात को हापुड़ रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर मरे एक अज्ञात युवक का शव बरामद होने की जानकारी दी गई। स्‍वजन ने उसकी पहचान रोहित के रूप में की। स्‍वजन ने रोहित की हत्या कर शव को रेलवे लाइन पर फेंक दिए जाने की आशंका जताई। आरोप लगाया कि पुलिस का व्यवहार भी इस मामले में संदिग्ध रहा है। जिसके चलते हत्या में पुलिस की भी मिलीभगत की आशंका है। 14 सितंबर से लेकर 22 तक पुलिस स्‍वजन को बहलाती रही। शव मिलने की जानकारी भी सात दिन तक छुपाई गई। उन्होंने जिलाधिकारी से हत्या में शामिल लोगों तथा दोनों थानों के पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी से की। इसके साथ ही स्‍वजन ने मृतक युवक की पत्नी और उसकी ढाई साल की मासूम बच्ची के भरण-पोषण के लिए आर्थिक मदद की भी मांग की।

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