अदालत में बच्ची ने बयां की दरिदगी की दास्तान

सिर्फ एक बची के बयान दर्ज हो पाए हैं देरी होने पर दो बिचयों को वापस लाना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 May 2019 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 May 2019 09:00 AM (IST)
अदालत में बच्ची ने बयां  की दरिदगी की दास्तान
अदालत में बच्ची ने बयां की दरिदगी की दास्तान

मेरठ : विमल चंद की हैवानियत को बच्ची ने अदालत में बयां किया। बच्ची ने घर से फुसलाकर ले जाने वाली युवती के बारे में व कोठी के अंदर होने वाले कृत्य की जानकारी विस्तार से दी। हालांकि देरी होने पर अदालत में सिर्फ एक बच्ची के ही बयान हो सके, जबकि दो बच्चियों को वापस लाना पड़ा। अब उनके बयान सोमवार को दर्ज होंगे। उधर, पुलिस की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं दिखा। शनिवार को भी दो बच्चियां मां के साथ मेडिकल थाना परिसर में दिनभर बैठी रहीं।

जागृति विहार में कोठी के अंदर विमल चंद के बच्चियों के यौन शोषण करने की घटना में सिर्फ तीन बच्चियां ही पुलिस के सामने आई हैं। एक बच्ची ने छेड़छाड़, जबकि दो ने यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया है। शनिवार को भी तीनों बच्चियों को मेडिकल थाने में बैठाया गया था। एक बच्ची को विवेचक दोपहर में ही अदालत ले गए थे, जिसके 164 सीआरपीसी में बयान दर्ज हो गए हैं। पुलिस के मुताबिक, बच्ची ने विमल चंद की हैवानियत की पूरी कहानी विस्तार से अदालत के सामने रखी। दो बच्चियां सगी बहन हैं। एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने बताया कि तीनों में से दो बच्चियों के बयान दर्ज नहीं हो पाए, बयान का अवलोकन सोमवार को हो पाएगा। महिला आयोग की सदस्य ने ली जानकारी

महिला आयोग की सदस्य राखी त्यागी ने फोन पर कप्तान नितिन तिवारी और बच्चियों से घटना की जानकारी ली। साथ ही आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिया। बच्चियों ने बताया कि पुलिस भी उनका उत्पीड़न कर रही है। पुलिस बुधवार रात से बार-बार थाने बुलाकर परेशान कर रही है। राखी त्यागी ने पीड़ित परिवार को उत्पीड़न से मुक्ति का भरोसा दिया। पढ़ाई के लिए हो रही थीं हैवानियत का शिकार

पढ़ाई के लिए बेटियां यौन शोषण का शिकार हो रही थीं। पीड़ित दो बहनें कक्षा दस की पढ़ाई कर रही हैं। मेडिकल थाने में दोनों ने बताया कि कक्षा नौ की फीस जमा नहीं करने की वजह से स्कूल संचालक ने उन्हें निकाल दिया था। उसके बाद विमल चंद के घर पर काम करने का निर्णय लिया। दोनों बच्चियों का पिता ई-रिक्शा चलाता है, जबकि मां घरों में काम करती है। ऐसे में बेटियों को भी विमल के घर भेज दिया था। विमल ने दोनों का शहर के एक कॉलेज में कक्षा दस में एडमिशन करा दिया था। किताबें और ड्रेस भी लाकर दी थी। यानी बच्चियां पढ़ाई के लिए हैवानियत का शिकार हो रही थीं। एक बच्ची को कंप्यूटर सिखाया

एक बच्ची ने बताया कि उसे कंप्यूटर सिखाने के बहाने कोठी में बुलाया गया था। कोठी के अंदर भी बच्ची को कंप्यूटर सिखाने का भरोसा दिया जाता था। साथ ही एक सेंटर पर भी उसका एडमिशन करा दिया गया था, जहां पढ़ाई के साथ कंप्यूटर का कोर्स कर रही थी। बच्ची की मां ने बताया कि बेटी सिर्फ एक दिन गई थी। उसे भी उक्त युवती ही ले गई थी, जिसे पुलिस ने छोड़ दिया है। पुलिस ने इस बच्ची के कोर्ट में बयान भी करा दिए हैं। एसओ हमारा परिचित था, इसलिए मिलने गए थे

किठौर के प्रधान पति रहीसुल ने बताया कि मेडिकल थाने में आरोपितों की पैरवी के लिए नहीं गए थे, बल्कि अपने एक साथी के साथ एसओ कैलाश चंद से मिलने गए थे, जो पहले से परिचित हैं। बच्चियों के यौन शोषण करने वाले आरोपितों के खिलाफ हैं। ऐसे लोग समाज के लिए अभिशाप है, जिन्हें अदालत फांसी की सजा दे।

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