Pitru Paksha 2021: प‍ितृ पक्ष में इन कार्यों को करने से मिलता है पितरों का आशीर्वाद, भूल कर भी न करें ये काम

Shradh 2021 बनते हुए कामों में रुकावट आना घर में कलह होना संतान उत्पत्ति में बाधा या संतान का विरोधी होना संतान का विवाह न होना या वैवाहिक जीवन स्थिर न रहना पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:00 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:00 PM (IST)
Pitru Paksha 2021: प‍ितृ पक्ष में इन कार्यों को करने से मिलता है पितरों का आशीर्वाद, भूल कर भी न करें ये काम
पित्र पक्ष में बुजुर्गों की सेवा और दान से मिलता है पितरों का आशीर्वाद।

मेरठ, जेएनएन। पितृलोक में स्थान प्राप्त करने वाले पूर्वज हर साल श्राद्ध पक्ष में अपने वंशजों को देखने पृथ्वी पर आते हैं । मान्यता है कि जो लोग देह त्याग कर परलोक चले गए हैं। मृत्यु के देवता यमराज भी श्राद्ध पक्ष में उन्हें मुक्त कर देते हैं। पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है।

यह हैं पितृदोष के लक्षण

सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमा नंद महाराज का कहना है कि बनते हुए कामों में रुकावट आना घर में कलह होना, संतान उत्पत्ति में बाधा या संतान का विरोधी होना, संतान का विवाह न होना या वैवाहिक जीवन स्थिर न रहना पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है। इसके अलावा किसी कार्य में नुकसान बीमारी या दुर्घटना का शिकार होना भी पितृ दोष का कारण माना गया है। ऐसे में पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी है।

ऐसे करें उन्‍हें प्रसन्‍न

पितरों की प्रसन्नता के लिए उनके नाम से धार्मिक कार्य करना बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद लेना जरूरी माना गया है। अमावस्या पर तर्पण पिंडदान कर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। गाय, कुत्ते, चीटियों, कौए को खाना खिलाना और प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ श्राद्ध पक्ष में विधि विधान से करना चाहिए। इन दिनों तामसिक भोजन से भी दूर रहने का विधान है। पित्र पक्ष में श्री भगवत गीता का पाठ करें और दान आदि भी करने का शास्त्रों में विधान है। पितृ पक्ष में पितरों की जयंती और बरसी मनाना भी ना भूलें उस दिन कौओं को खाना जरूर खिलाएं भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें और पितृ दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें। जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करें।

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