स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 : मेरठ में लोगों के पास दिल्ली से आ रहे फोन, सिर्फ हां और ना में पूछा जा रहा जवाब

क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया की टीम सीधे दिल्ली से लोगों के पास फोन कर रही है। हां और ना में सवालों के जवाब लिए जा रहे हैं। कुछ सवालों को सुनकर लोग चौक भी रहे हैं। जानिए पूरा मामला क्‍या है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 12:57 PM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 : मेरठ में लोगों के पास दिल्ली से आ रहे फोन, सिर्फ हां और ना में पूछा जा रहा जवाब
दिल्‍ली से मेरठ के लोगों के पास फोन आ रहे हैं।

मेरठ, जेएनएन। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जनता का फीडबैक ही अच्छी रैंक का मार्ग प्रशस्त करेगा। नगर निगम के दावों और शहर की सफाई के लिए किये गए प्रयासों, मिलने वाली सुविधाओं व जनहित के कार्यो का जमीनी सत्यापन शुरू हो गया है। क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया की टीम सीधे दिल्ली से लोगों के पास फोन कर रही है। हां और ना में सवालों के जवाब लिए जा रहे हैं। कुछ सवालों को सुनकर लोग चौक भी रहे हैं।

दिल्ली से काउंसिल की टीम लोगों से जिन सवालों के जवाब पूछ रही हैं। उनमें प्रमुख रूप से क्या आपके शहर में प्लासिक पालीथीन व थर्माकोल के गिलास का उपयोग कम हुआ है। क्या दुकान और घर से कूड़ा उठाया जाता है। क्या आप गीला सूखा कचरा अलग-अलग देते हैं। क्या आप शहर की सफाई से संतुष्ट हैं। जैसे सवाल लोगों से पूछे जा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि काउंसिल की टीम फोन पर यह सवाल भी पूछ रही है कि आपके शहर में बर्तन बैंक, थैला बैंक और होम कम्पोस्टिंग की मुहिम चल रही है। 2019 से अभी तक क्या यह बरकरार है। क्या आप इससे संतुष्ट हैं। लोग बर्तन बैंक और थैला बैंक की बात सुनकर चौक रहे हैं। हालांकि होम कम्पोस्टिंग की मुहिम पर लोग जरूर फीडबैक दे रहे हैं। स्वच्छता का सत्यापन एक मार्च से 28 मार्च तक होना है। इसके लिए दिल्ली से सर्वेक्षण टीम मार्च में कभी भी आ सकती है। उससे पहले सिटीजन फीडबैक कैटेगरी में सिटीजन वाइस के तहत फोन कर टीम आम लोगों से हकीकत जान रही है। मालूम हो कि इस बार कुछ बदलावों के साथ स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 चार कैटेगरी के बजाए तीन कैटेगरी में हो रहा है। कुल 6000 अंकों की यह प्रतियोगिता है। जिसमें 1800 अंक सिटीजन फीडबैक, 1800 अंक दस्तावेजीकरण और सबसे ज्यादा 2400 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के हैं। लेकिन सिटीजन फीडबैक सबसे अहम है। क्योंकि जनता की भागीदारी इसी में सुनिश्चित होती है। जनता का फीडबैक के आधार पर स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग तैयार की जाएगी।

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