पाकिस्तान में फंसे लोग घर लौटे, अफसर खेल रहे चिट्ठी-चिट्ठी
कोरोना के कारण पाकिस्तान में फंसे देश के सौ से ज्यादा लोगों को भारत सरकार ने वतन वापसी की सशर्त इजाजत दी थी।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना के कारण पाकिस्तान में फंसे देश के सौ से ज्यादा लोगों को भारत सरकार ने वतन वापसी की सशर्त इजाजत दी थी। इन लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया था। इस सूची में प्रदेश के चार लोग थे। इनमें एक व्यक्ति मेरठ और एक महिला बिजनौर से है। प्रदेश सरकार ने यह जिम्मेदारी जिला स्तरीय अफसरों को सौंपी थी। अफसर अभी तक चिट्ठी पत्री बनाने में लगे हैं। पाकिस्तान से लोग देश में आकर अपने घर पहुंच गए हैं।
प्रदेश में आए चार यात्री
पाकिस्तान में फंसे लोग अपने घर वापसी के लिए भारतीय दूतावास में गुहार लगा रहे हैं। भारत सरकार ने हाल ही में 132 लोगों को वतन वापसी की इजाजत दी थी, लेकिन स्पष्ट निर्देश था कि अटारी बार्डर चेकपोस्ट के रास्ते पंजाब सरकार उन्हें देश में प्रवेश कराएगी, वहां से संबंधित प्रदेश की सरकार उन्हें संबंधित जनपद तक लाकर कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन कराते हुए क्वारंटाइन करेगी। इस सूची में उत्तर प्रदेश के चार यात्री थे, जिनमें एक मेरठ के अकरम खान हैं और दूसरी बिजनौर जनपद की नजीबाबाद तहसील के गांव भनेड़ा की निदा बातरौल थी।
भाई के साथ घर पहुंच गई निदा
केंद्र सरकार के आदेश के बाद शासन से अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने संबंधित जिला प्रशासन को स्पष्ट आदेश भेजा। इसमें भारत सरकार के आदेश का सख्ती से पालन कराने के लिए कहा गया गया था। बुधवार तक लखनऊ से चलकर आदेश मेरठ जिला प्रशासन और यहां से सीएमओ के ऑफिस तक पहुंचा है, लेकिन चिट्ठी-पत्री के इस खेल में सारा समय निकल गया। जिन यात्रियों को देश में आने की इजाजत मिली थी वे देश में आकर अपने घर तक पहुंच गए हैं। अफसरों को इसकी भनक भी नहीं है। मेरठ के अकरम खान अपने घर पहुंच गए हैं। नजीबाबाद की निदा ने फोन पर बातचीत में बताया कि उसकी एक साल पहले ही पाकिस्तान में शादी हुई थी। शादी के बाद वह अपने परिवार से नहीं मिल पाई थी। उसने भारतीय दूतावास में आवेदन किया था। अटारी बार्डर से वह सड़क मार्ग से भारत आई। वहां से भाई के साथ सोमवार को घर पहुंच गई। निदा के साथ अन्य यात्री भी अपने घर पहुंच चुके हैं।
कोविड टेस्ट कराया, क्वारंटाइन करना भूले
भारत आने वाले सभी यात्रियों का केवल कोविड टेस्ट कराया गया है। इसके बाद वे सभी खुद अपने अपने घर चले गये। इससे आगे की कार्रवाई जिला स्तरीय अफसरों को करनी थी। जो कि नहीं की गई।
शासन के आदेश का अनुपालन कराने का आदेश सीएमओ को दिया गया है। यात्री यदि घर पहुंच गए हैं तो वहीं पर उनकी जांच कराकर घर में ही उन्हें क्वारंटीन कराया जाएगा।
के बालाजी, जिलाधिकारी
जिला प्रशासन से मुझे अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है। न ही फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के पास कोई क्वारंटीन सेंटर है।
डा. अखिलेश मोहन, सीएमओ