अब तो बेड भी खाली हैं..फिर उपचार के लिए ये इंतजार क्यों

मेरठ जेएनएन। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने शुक्रवार को ही दावा किया था ि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 04:00 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 04:00 AM (IST)
अब तो बेड भी खाली हैं..फिर उपचार के लिए ये इंतजार क्यों
अब तो बेड भी खाली हैं..फिर उपचार के लिए ये इंतजार क्यों

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने शुक्रवार को ही दावा किया था कि अब मेडिकल कालेज में स्थितियां सुधर रही हैं। बेड भी खाली हैं। किसी मरीज भी को उपचार के लिए बेवजह इंतजार नहीं कराया जाएगा। इसे दावे को 24 घंटे भी नहीं बीते और शनिवार को ही कुछ मरीजों के लिए मेडिकल में भर्ती होना पहाड़ तोड़ने जैसा मुश्किल हो गया। मरीज एंबुलेंस में पड़े तड़पते रहे।

मीरापुर निवासी गर्भवती नवीता को स्वजन दोपहर के समय मेडिकल कालेज में भर्ती कराने के लिए पहुंचे। नवीता कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई थी। यहां पर्चा आदि बनवाने और अन्य प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के नाम पर करीब ढाई घंटा स्वजन यहां-वहां भटकते रहे। इस दौरान कई बार गर्भवती की हालत खराब हुई और स्वजन गुहार लगाते नजर आए। बाद में फोन करने और कराने पर महिला को भर्ती किया जा सका। ऐसे ही मोदीनगर से आए संक्रमित को भी काफी देर इंतजार कराया गया और स्वजन को प्रक्रिया के नाम पर दौड़ लगवाई गई। काफी प्रयास के बाद मरीज को भर्ती किया जा सका। इसके अलावा कई अन्य मरीजों को भी भर्ती करने के नाम पर ऐसे ही इंतजार कराया गया। जबकि मुजफ्फरनगर और हापुड़ से आए दो मरीजों को स्वजन यहां पसरी अव्यवस्थाओं को देखकर अपने साथ ले गए। उधर, मेडिकल कालेज के आपातकालीन विभाग का मुख्य दरवाजा जरूर खुल गया है, लेकिन इसका पूरा लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। आपातकालीन विभाग में आक्सीजन युक्त बेड की कमी बताकर गंभीर रोगियों को स्टाफ कर्मी टरकाने में लगे हैं। कई मरीजों के स्वजन ने इसका विरोध भी किया, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं था।

chat bot
आपका साथी