बेहतर काम करनी वाली पंचायतों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार, बागपत में शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया

बागपत के डीएम राजकमल यादव ने अधिकारियों को पुरस्कार के लिए आवेदन कराने का आदेश दिया है। पंचायतों को स्वच्छता नागरिक सेवायें प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन वंचित की सेवायें सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन आपदा प्रबंधन सहित नौ विषयों पर आनलाइन प्रश्नावली भरनी होगी।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:48 PM (IST)
बेहतर काम करनी वाली पंचायतों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार, बागपत में शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया
बेहतर काम करनी वाली पंचायतों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

बागपत, जागरण संवाददाता। पंचायत राज की अवधारणा पर खरी उतरने वाली ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार एवं नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार एवं बाल मैत्री ग्राम पंचायत पुरस्कार योजना में पुरस्कार पाने को 15 दिसंबर तक आनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं।

डीएम ने दिया आदेश

डीएम राजकमल यादव ने अधिकारियों को पुरस्कार के लिए आवेदन कराने का आदेश दिया है। पंचायतों को स्वच्छता, नागरिक सेवायें, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, वंचित की सेवायें, सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन, आपदा प्रबंधन, ई-गर्वनेंस व राजस्व सृजन समेत नौ विषयों पर आनलाइन प्रश्नावली भरनी होगी। पंचायत राज विभाग में जिला प्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत को आठ लाख रुपये, क्षेत्र पंचायत को 25 लाख रुपये व जिला पंचायत को 40 लाख रुपये पुरस्कार मिलेगा। उन्होंने पुरस्कार पाने के लिए पंचायतों से आनलाइन आवेदन करने की अपील की है।

अब नहीं रहेगा उर्वरकों का संकट

बागपत, जागरण संवाददाता। हजारों किसानों के लिए अच्छी खबर। उन्हें अब गेहूं व सरसों बुआई में डीएपी

उर्वरक की कमी आड़े नहीं आएगी। बागपत को 1250 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक और मिल गया है।

वहीं 800 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक पहले से उपलब्ध हैं। अब कुल 1850 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध हैं। कृषि उप निदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी और डीएपी उर्वरक मिलेगा। जिले में 244 बिक्री केंद्रों पर 778.345 मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक उपलब्ध हैं। किसान डीएपी के बजाय एनपीके उर्वरक बुआई में इस्तेमाल कर सकते हैं। यूरिया की भी कोई कमी नहीं है, क्योंकि वर्तमान में 2892 मीट्रिक टन उपलब्ध हैं। एमओपी 56 मीट्रिक टन और सुपर ङ्क्षसग्ल फास्फोरेट 615 मीट्रिक टन उपलब्ध है। उर्वरकों को जिले से बाहर जाने से रोकने को दुकानों की चेङ्क्षकग व निगरानी करने का काम जारी है।

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