विधायकजी के हाथ से निकल गए हैं पंचायत सदस्य

पंचायत चुनावों में करारी हार ने भाजपा का अंदरूनी घमासान बढ़ा दिया है। संगठन ने पंचाय

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:15 AM (IST)
विधायकजी के हाथ से निकल गए हैं पंचायत सदस्य
विधायकजी के हाथ से निकल गए हैं पंचायत सदस्य

मेरठ,जेएनएन। पंचायत चुनावों में करारी हार ने भाजपा का अंदरूनी घमासान बढ़ा दिया है। संगठन ने पंचायत सदस्यों के रूप में पर्याप्त वोट जुटाने का दावा किया है, लेकिन विधायक खाली हाथ रह गए हैं। पंचायत सदस्य विधायकों के संपर्क से दूर पहाड़ों की वादियों में सैर पर निकल गए हैं। जनप्रतनिधियों में आपस में घमासान छिड़ गया है। वो एक दूसरे की घेरेबंदी में जुट गए हैं। प्रदेश इकाई के पास शिकायतें पहुंचाई गई हैं।

प्रदेश संगठन महामंत्री ने हाल में मेरठ की समीक्षा बैठक में साफ किया था कि विधायकों के दबाव में संगठन नहीं आएगा। साथ ही विधायकों से कहा कि वो पंचायत अध्यक्ष बनवाने में मदद करें, और अभी से ब्लाक प्रमुख बनाने की पैरोकारी न करें। इससे संगठन के पदाधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है, वहीं विधायक अपने क्षेत्रों से पंचायत सदस्य जिताने में नाकाम रहे हैं। जिला इकाई ने गत दिनों गौरव कुसेड़ी को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित किया था। सासद समेत कई विधायकों ने समर्थन में एक बैठक की, लेकिन पंचायत सदस्यों यानी वोटों की व्यवस्था करने में जनप्रतिनिधि चूक गए। बताया जा रहा है कि एक विधायक ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ वोटरों से सीधे संपर्क साधा। अन्य विधायकों को तवज्जो नहीं मिली। क्षेत्रीय संगठन ने भी विधायकों को खास अहमियत नहीं दी है। बताया जा रहा है कि 25 से ज्यादा सदस्य विधायकों की पकड़ से दूर चले गए हैं। कई सदस्यों के पास विधायकों के नाराजगी भरे फोन भी जाने की चर्चा है। इधर, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने पार्टी के पंचायत अध्यक्षों को जिताने के लिए गंभीरता से कहा है, ऐसे में विधायकों के पास अपना रिपोर्ट कार्ड दुरुस्त करने के अलावा कोई चारा नहीं है। पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए 33 सदस्य मतदान करेंगे।

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