राजनीति से सेना तक में पहाड़पुर ने बनाई पहचान
मवाना ब्लाक क्षेत्र के गांव पहाड़पुर की माटी में देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बांकुरे जहां जन्मे पीसीएस अधिकारी विधायक लोकतंत्र सेनानी जिला पंचायत सदस्य एवं दो ब्लाक प्रमुख भी इस गांव दिये हैं। विकास की दृष्टि से परिपूर्ण यह गांव अपनी अलग पहचान रखता है।
मेरठ, जेएनएन। मवाना ब्लाक क्षेत्र के गांव पहाड़पुर की माटी में देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बांकुरे जहां जन्मे, पीसीएस अधिकारी, विधायक, लोकतंत्र सेनानी, जिला पंचायत सदस्य एवं दो ब्लाक प्रमुख भी इस गांव दिये हैं। विकास की दृष्टि से परिपूर्ण यह गांव अपनी अलग पहचान रखता है।
मवाना खुर्द से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित गांव पहाड़पुर की आबादी लगभग ढाई हजार है। जाट बाहुल्य इस गांव में अन्य बिरादियां भी निवास करती हैं। देश सेवा, राजनीति, शैक्षिक व सामाजिक क्षेत्र में गांव ने अपनी पहचान बनाई है। गांव निवासी शहीद संतोष सिंह बीएसएफ में श्रीनगर में तैनात थे और आतंकियों से लड़ते हुए सन 2000 में देश के लिये प्राणों की आहुति देकर शहीद हो गए थे। उनकी स्मृति में मवाना खुर्द में द्वार भी बना हुआ है। जबकि 1967 में इसी गांव के स्व. आशाराम इंदू हस्तिनापुर विधान सभा क्षेत्र से बीकेडी के विधायक भी रहे थे। उन्होंने अपने विधायक काल में क्षेत्र में विकास किया। इस गांव के प्रधान रहे स्व. वीरेंद्र सिंह उर्फ बिल्लू की माताजी स्व. समयकौर व धीरज पहाड़ापुरिया मवाना ब्लाक प्रमुख रहे और गांव और ब्लाक में विकास को गति देकर गांव का नाम रोशन किया है। धीरज पहाड़पुरिया की पत्नी अनीता जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं। इस ²ष्टि से राजनैतिक क्षेत्र में गांव अपनी पहचान रखता है। जबकि धर्मवीर सिंह लोकतंत्र सैनानी है। शिक्षा के लिये यहां एक प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय है।
ये लोग हैं उच्च पदों पर
ग्राम प्रधान अधिवक्ता सतीश कुमार बताते हैं कि गांव के 80 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। गांव से अनुसूचित जाति से ओमकार सिंह पीसीएस अधिकारी हैं और वर्तमान लखनऊ सचिवालय में सेवारत है। जबकि चौधरी नरेंद्र डिप्टी सीएमओ मुजफ्फरनगर से चार साल पहले ही सेवानिवृत हुए तथा सतेंद्र काकरान दिल्ली में सीएमओ हैं।
बीएसएफ व पुलिस में सेवारत हैं युवा
गन्ना समिति के डायरेक्टर रहे इंद्रपाल सिंह व गोपाल काकरान ने बताया कि गांव का युवा वर्ग भी अपना करियर बना रहा है। गांव के कई युवा पुलिस व बीएसएफ में सेवारत हैं। जबकि लगभग 50 भर्ती की तैयारी में जुटे हैं। वहीं गांव की वर्षा चौधरी नेशनल वुशू खिलाड़ी हैं। ग्राम प्रधान सतीश कुमार बताते हैं कि वकालत में वकालत करते हैं, लेकिन गांव के लोगों ने जब से उन्हें प्रधान चुना है वह तभी अपने गांव में रहकर विकास को गति दे रहे हैं।