Oxygen Plants In Meerut: कोरोना की नई लहर से पहले बड़ी तैयारी, मेरठ के 13 प्लांटों में पैदा होने लगी आक्‍सीजन

Oxygen Plants In Meerut मेरठ में भविष्‍य में शायद आक्‍सीजन की किल्‍लत का सामना न करना पड़े। इसके लिए प्रशासनिक स्‍तर तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। 13 स्‍थानों पर ऑक्‍सीजन प्‍लांट शुरू हो चुके हैं। राहत की ही बात है कि चुनौती का सामना कर सकेंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:30 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:30 AM (IST)
Oxygen Plants In Meerut: कोरोना की नई लहर से पहले बड़ी तैयारी, मेरठ के 13 प्लांटों में पैदा होने लगी आक्‍सीजन
अब बस मेडिकल कालेज का एक प्‍लांट चालू होना है बाकी ।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Oxygen Plants In Meerut मेरठ में कोरोना की नई लहर आने से पहले ऑक्सीजन प्लांट चालू कर लिए गए हैं। मेडिकल कालेज में एक प्लांट इनस्टॉल करना बाकी है। डीआरडीओ की टीम जल्द ही प्लांट लगाएगी। सीएमओ ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर स्थिति साफ कर दी है। आक्‍सीजन प्‍लांट के शुरू हो जाने काफी राहत मिलने वाली है। क्‍योंकि बीते समय में आक्‍सीजन की किल्‍लत को झेला जा चुका है। लेकिन अब ऐसे हालात नहीं बनेंगे। यह एक राहत की बात है।

इन स्‍थानों पर शुरू हुए प्‍लांट

सीएमओ डॉ अखिलेश ने बताया कि मेरठ में 32 कोविड केंद्रों में ऑक्सीजन की भारी कमी पड़ गयी थी। मई के अंतिम सप्ताह में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों पर प्लांट लगाने के लिए कहा। सीएमओ ने बताया कि सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मवाना, हस्तिनापुर, सरधना, दौराला, किठौर और परीक्षितगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट चालू कर लिया गया है।

यह रहेगी क्षमता

वहीं, मेडिकल कालेज में डीआरडीओ ने 950 और 1000 एलपीएम की क्षमता का दो प्लांट लगाया है, जिसमें एक चालू कर लिया गया है। ये सभी प्लांट हवा से नाइट्रोजन अलग कर ऑक्सीजन पैदा करेंगे। साथ ही 15 और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। इसमें कई चालू कर लिए गए हैं।

नई तैयारी

मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ अशोक तालियान ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण पूरी तरह थमा हुआ है। लेकिन सभी कोविड केंद्रों में नई तैयारी की गई है। सामान्य केंद्रों को भी ऑक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ा गया है। मेडिकल कालेज में 110 बेडों का कोविड पीडियाट्रिक वार्ड बना लिया गया है। 15 निजी अस्पतालों में 500 पीडियाट्रिक बेड बनाये गए हैं। गौरतलब है कि कोरोनाकाल में शहरवासियों को आक्‍सीजन के लिए भटकना पड़ा था। आक्‍सीजन सिलेंडर के लिए केंद्रों पर लंबी लंबी कतारें देखी गई थी। एक एक सिलेंडर के लिए जद्दोजहद थी।

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