39 फीसद मरीजों की आक्सीजन सोख रहा कोरोना

कोरोना वायरस फेफड़ों के लिए वाकई घातक रहा। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती कुल मरीजों में करीब 39 फीसद में आक्सीजन गिरी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:00 AM (IST)
39 फीसद मरीजों की आक्सीजन सोख रहा कोरोना
39 फीसद मरीजों की आक्सीजन सोख रहा कोरोना

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस फेफड़ों के लिए वाकई घातक रहा। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती कुल मरीजों में करीब 39 फीसद में आक्सीजन गिरी। उन्हें कृत्रिम आक्सीजन देनी पड़ी। यह आकड़ा प्रदेश के अन्य राजकीय मेडिकल कालेजों की तुलना में ज्यादा रहा। उधर, ठीक होने वाले मरीजों में सास फूलने और थकान के लक्षण 90 दिन बाद तक बने रहे। मेडिकल कालेज में 22 अक्टूबर तक 1957 मरीजों को भर्ती किया गया था, जिसमें 757 मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा। फेफड़ों में सूजन की वजह से मरीजों के शरीर में आक्सीजन की कमी पड़ गई थी। आइसीयू के विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस रक्त के आयरन को बिगाड़ता है, जिससे हिमोग्नोबिन पूरी तरह शरीर की कोशिकाओं तक आक्सीजन पहुंचा नहीं पाता है। मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में इस दौरान 650 मरीजों को आइसीयू में रखना पड़ा। शासन ने इस आकड़े को चिंताजनक माना है।

हैपी हाइपोक्सिया सबसे बड़ा खतरा

कोविड वार्ड प्रभारी डा. सुधीर राठी ने बताया कि कई मरीज 60 फीसद आक्सीजन सेचुरेशन के साथ इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इन्हें हैपी हाइपोक्सिया हुआ, और अपने शरीर में घट रही आक्सीजन की जानकारी ही नहीं मिल पाई। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि 90 फीसद मरीज निजी अस्पतालों से देर से रेफर होकर पहुंच रहे हैं या घर पर देर कर देते हैं। वायरस शरीर के अंगों को खराब करने लगता है। सामान्य मरीजों के रूप में भर्ती मरीजों में से ज्यादातर ठीक हुए, लेकिन जो बाहर से गंभीर अवस्था में आए थे, उनमें आक्सीजन सपोर्ट के बावजूद मृत्यु दर ज्यादा मिली। फिजिशयन डा. अरविंद का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीज में तीन से पाच दिन के बीच साइटोकाइन स्टार्म बनता है, यानी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर पर ही हमला बोल सकती है, जिससे मरीज की जान जा रही है। मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों में 40 फीसद कोमाíबड रहे हैं, जिनमें संक्रमण और तेजी से बढ़ता है। सितंबर में बड़ी संख्या में मरीज आक्सीजन सपोर्ट, हाई फ्लो नेजल कैनुला और वेंटीलेटर पर गए थे। इस दौरान आक्सीजन की भी खपत बढ़ी थी।

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