मेरठ में प्राणवायु का संकट : प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन बनाने को लेकर CCSU और अन्य कालेजों ने दिया जवाब
कोरोना संकट के दौर में हर जगह से ऑक्सीजन की तलाश हो रही है। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए शासन की ओर से चौधरी चरण सिंह विवि और कालेजों से सूचना मांगी गई थी कि वह अपनी प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन बनाने संभावनाओं को तलाशकर बताएं।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संकट के दौर में हर जगह से ऑक्सीजन की तलाश हो रही है। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए शासन की ओर से चौधरी चरण सिंह विवि और कालेजों से सूचना मांगी गई थी, कि वह अपनी प्रयोगशालाओं में ऑक्सीजन बनाने संभावनाओं को तलाशकर बताएं। जिससे कालेजों में ऑक्सीजन तैयार हो सके। इसके जवाब में अधिकांश कालेजों ने कहा है कि उनके यहां प्रयोगात्मक कार्य के लिए सामाग्री नहीं है, ऐसे में वह ऑक्सीजन उत्पादन के लिए कैसे व्यवस्था कर पाएंगे।
मेरठ और सहारनपुर मंडल के अधिकांश कालेजों ने इसकी सूचना ई-मेल के जरिए शासन को भेजी है। ज्यादातर डिग्री कालेजों ईमेल में कहा है कि वर्तमान समय में कालेजों की प्रयोगशालाओं में छात्रों की प्रैक्टिकल के लिए सामग्री मुश्किल से मिलती है। ऐसे में ऑक्सीजन कहां से उपलब्ध हो सकेगा। कालेजों में ऑक्सीजन के लिए कोई खास उपकरण नहीं है। पूर्व में इसकी कोई जरूरत नहीं महसूस की गई थी। इसकी वजह से कालेजों में ऐसी कोई व्यवस्था संभव नहीं है।
सीसीएसयू के खाली हास्टल में कोविड वार्ड बनाने की मांग
कोविड के फैलते संक्रमण के बीच मरीजों से अस्पताल भरे हुए हैं, होम आइसोलेशन में भी बहुत से लोगों को एक साथ रहने की विवशता है। ऐसे में छात्र नेता विनीत चपराना ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर और मुख्यमंत्री को ट्वीट क र चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रावासों को कोविड वार्ड बनाने को कहा है। जिसमें उसने कहा है कि पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। जिसके कारण लोगों को निजी अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों में इलाज मिलना नामुमकिन सा हो गया है। प्राइवेट अस्पतालों ने तो कोविड-19 को ही कमाई का अड्डा बना लिया है। मेडिकल कालेज में भी स्थिति भयावह है। ऐसे में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रावासों में सैकड़ों बेड की व्यवस्था हो सकती है। जो खाली पड़ा है। विश्वविद्यालय के छात्रावासों को कोविड-19 वार्ड में बदला जा सकता है। इससे पूर्व भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी अपने छात्रावासों को कोविड-19 वार्ड में बदला जा चुका है।