Oxygen Crisis: प्राण वायु का संकट दूर करने में जुटी सेना, सहारनपुर और खुर्जा में प्लांट किया दुरुस्त
कोरोना संकट के दौरान आक्सीजन के मारामारी मची हुई है। प्राण वायु के संकट से जूझ रही चिकित्सा व्यवस्था को सहारा देने के लिए आगे बढ़ी सेना ने दो बंद पड़े आक्सीजन प्लांट शुरू कर दिए हैं। ये खुर्जा और सहारनपुर में हैं।
मेरठ, जेएनएन। प्राण वायु के संकट से जूझ रही चिकित्सा व्यवस्था को सहारा देने के लिए आगे बढ़ी सेना ने दो बंद पड़े आक्सीजन प्लांट शुरू कर दिए हैं। इनमें एक प्लांट खुर्जा और एक प्लांट सहारनपुर मेडिकल कालेज को संचालित कर दिया गया है। सेना की एक टीम सहारनपुर में ही दूसरे प्लांट को ठीक करने में जुटी है और दूसरी टीम ऋषिकेश में आक्सीजन प्लांट ठीक कर रही है। पश्चिम यूपी सब-एरिया के अंतर्गत यह सभी क्षेत्र आते हैं। छावनी स्थित 510 आर्मी बेस वर्कशाप की टीम को यह टास्क मिलने बाद टीम ने लगातार 40 घंटों से अधिक काम करते हुए सहारनपुर मेडिकल कालेज के प्लांट को शुरू किया।
उसी दिन शुरू हुआ खुर्जा का प्लांट
खुर्जा का प्लांट जल्द ही शुरू कर दिया गया। यह कार्य सेना की तकनीकी शाखा कोर आफ इलेक्ट्रानिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स ने यह कार्य किया। बुलंदशहर के जिला मजिस्ट्रेट ने एसएसएमजे अस्पताल खुर्जा के आक्सीजन प्लांट को ठीक करने के लिए उत्तर भार क्षेत्र के जनरल कमांडिंग अफसर ले. जनरल एसएस महल से संपर्क किया। वहां से निर्देश मिलने पर दो मई को मेजर अभिषेक की अगुवाई में खुर्जा पहुंची 510 टीम ने उसी दिन शाम तक प्लांट ठीक कर दिया। बिजली कम होने के कारण कंप्रेशर काम नहीं कर रहा था। वोल्टेज बढ़वाकर आक्सीजन तैयार कर देखा गया।
300 लीटर प्रति मिनट बन रहा आक्सीजन
शेख-उल-हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कालेज सहारनपुर में सेना ने साल 2015 से ही खराब पड़े आक्सीजन प्लांट को ठीक कर 300 लीटर प्रति मिनट के आक्सीजन उत्पादन को सुनिश्चित कर दिया। यहां रोगियों की पूर्ति के लिए एक 600 लीटर प्रति मिनट का भारी शुल्क आक्सीजन प्लांट लगाया गया है जिसमें तीन-तीन सौ लीटर के दो प्लांट हैं। दो मई को ही पहुंची टीम ने प्लांट को देखा तो उसमें एयर फिल्टर धूल और गंदगी से भरा था। कंप्रेशर और इलेक्ट्रिक पैनल काम नहीं कर रहा था। मरम्मत से पहले सफाई की गई। 40 से अधिक घंटों के अथक प्रयास के बाद 93 फीसद शुद्धता वाले आक्सीजन जनरेटर संयत्र को शुरू कर दिया गया। सहारनपुर के दूसरे प्लांट को भी ठीक करने में सेना की टीम जुटी हुई है। बेस वर्कशाप के कमांडर मेजर जनरल रणधीर सिंह यादव भी इसका अपडेट लेते रहे। ज्ञातव्य है कि सहारनपुर के इस प्लांट की मरम्मत व रखरखाव के लिए कंपनी ने 264.77 लाख रुपये की मांग की थी। भुगतान न होने पर मरम्मत भी नहीं हुई और प्लाट बंद ही पड़ा रहा।