अपना उत्पाद, मर्जी से व्यापार और मनचाहा बाजार

किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता को हटाकर अब किसान कृषि उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है। अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। इससे किसानों को सही मूल्य भी मिल सकेगा।

By Edited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 10:00 AM (IST)
अपना उत्पाद, मर्जी से व्यापार और मनचाहा बाजार
Own product, free trade and desired market

मेरठ, जेएनएन। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता को हटाकर अब किसान कृषि उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है। किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। केंद्र सरकार ने कृषि विधेयक में किसान को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी दी है। जिले के किसानों का मानना है कि विधेयक के प्रावधानों से बाजार में स्पर्धा बढ़ेगी। इससे किसानों को सही मूल्य भी मिल सकेगा। किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खाने वाले बिचौलिए से बचने के लिए यह प्रावधान फायदेमंद साबित होगा। एमएसपी पर भी इसका प्रभाव नहीं होगा। सरकारी खरीद पूर्ववत की भांति जारी रहेगी।

किसी भी राज्य में ले जा सकूंगा फसल

शत्रुघ्न स‍िंह 20 एकड़ में आलू व धान की खेती करने वाले छिलौरा निवासी किसान शत्रुघ्न ¨सह कहते हैं कि वह पिछले वर्ष धान की फसल लेकर हरियाणा की नरेला मंडी जा रहे थे। सोनीपत में ही उन्हें नियमों का हवाला देकर रोक दिया गया। शत्रुघ्न ¨सह का कहना है कि कृषि विधेयक पारित होने के बाद अब ऐसा नहीं होगा। वह अपनी इच्छा से किसी भी राज्य में अपने कृषि उत्पाद को बेच सकते हैं। इस बार बिक्री के लिए आलू लेकर राजस्थान जाएंगे।

बढ़ेगा कारोबार, दूसरे राज्यों में भी रहेगी भरमार

प्रद्युम्न चौधरी जरबेरा व लीलियम के फूलों की खेती करने वाले कुनकुरा निवासी प्रगतिशील किसान प्रद्युम्न चौधरी कहते हैं कि कृषि विधेयक लागू होने के बाद वह अपनी फसल को किसी भी राज्य में ले जाने के लिए स्वतंत्र हो गए हैं। इससे पहले वह केवल सीमित स्थानों पर ही अपने कृषि उत्पादों को बेच सकते थे। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक लागू होने से किसानों को मंडी शुल्क से छुटकारा मिल गया है। बिचौलियों व मुनाफाखोरों के चंगुल से आजादी भी मिली है।

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