आउटसोर्सिग सिस्टम से बेहाल हैं सफाईकर्मी : मनहर
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर झाला ने कहा कि अनुबंध पर काम करना सफाई कर्मचारियों की सबसे बड़ी मुसीबत है। ठेकेदार अपने लाभ के लिए उन्हें न न्यूनतम वेतन देता है और ही सुविधाएं। सीवर में काम के दौरान मरे कर्मियों को तलाशकर सुप्रीम कोर्ट ने उनके परिजनों को 10 लाख रुपया मुआवजा देने का आदेश दिया है। इन मौतों का कोई सरकारी आंकड़ा नहीं है लेकिन हमने अपने स्तर से 615 मौत की जानकारी जुटाई है।
मेरठ : राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर झाला ने कहा कि अनुबंध पर काम करना सफाई कर्मचारियों की सबसे बड़ी मुसीबत है। ठेकेदार अपने लाभ के लिए उन्हें न न्यूनतम वेतन देता है और ही सुविधाएं। सीवर में काम के दौरान मरे कर्मियों को तलाशकर सुप्रीम कोर्ट ने उनके परिजनों को 10 लाख रुपया मुआवजा देने का आदेश दिया है। इन मौतों का कोई सरकारी आंकड़ा नहीं है लेकिन हमने अपने स्तर से 615 मौत की जानकारी जुटाई है।
जिला सहकारी बैंक के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने मेरठ आये मनहर झाला ने दैनिक जागरण से बात की। उन्होंने कहा कि ठेकेदार न तो न्यूनतम वेतन देता है और न ही सुरक्षा उपकरण। उ.प्र. में यह समस्या सर्वाधिक है। सरकार इनके प्रति गंभीर है। सीवर में सबसे ज्यादा मौते होती हैं। हमने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में शहर शहर पहुंचकर 615 मौत का पता लगाया है। गुजरात के जामनगर के पूर्व महापौर तथा पूर्व विधायक मनहर झाला ने बताया कि अब वे प्रत्येक प्रदेश की समस्याओं पर मुख्य सचिव के साथ समीक्षा कर रहे हैं। कर्मचारियों को बेहतर जिंदगी, सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की बैठक अक्टूबर में होगी।
वाल्मीकि समाज के बेरोजगार युवक, युवतियां तथा महिलाओं को स्वरोजगार और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त निगम से 4 फीसदी की मामूली ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंदगी में बीमारियां होती हैं। सफाई कर्मचारी बीमार होकर जल्द ही मर जाते हैं। उनका वर्ष में दो बार मेडिकल चेकअप होना चाहिये। इसके लिए सख्त निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आयोग की समीक्षा बैठकों में अफसर वादे करते हैं, फिर उनका पालन नहीं करते। इन सभी बैठकों का कार्यवृत्त जारी किया जाता है। अफसर वादा पूरा न करें तो सीधे कमिश्नर से मिले। बस्ती का निरीक्षण, चांदी के मुकुट से स्वागत
आयोग अध्यक्ष ने शहर में जागृति विहार व अन्य कई क्षेत्रों में वाल्मीकि बस्तियों का निरीक्षण करके वहां की समस्याएं देखी। शांति फार्म हाउस कंकरखेड़ा में वाल्मीकि समाज ने उन्हें चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान विपेंद्र सुधा, कमल चौहान, कैलाश चंदौला, मायानंद सूबेदार, रंजीत चौहान, राघव प्रसाद वाल्मीकि, विनेश विद्यार्थी, लोकेश महरौल, विश्वनाथ, विपिन महरौल, कपिल भुरंडा आदि शामिल रहे।