खुलेआम मौत को दावत दे रहे शहर के खुले नाले, ओडियन नाले में गिरे युवक ने तोड़ा दम Meerut News

इसे लोकल प्रशासन की कमी ही कहेंगे शहर के खुले नाले जानलेवा साबित हो रहे हैं। सोमवार को ब्रह्रमपुरी में भूमिया पुल के निकट ओडियन नाले में गिरकर युवक की मौत हो गई।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 12:41 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 12:41 PM (IST)
खुलेआम मौत को दावत दे रहे शहर के खुले नाले, ओडियन नाले में गिरे युवक ने तोड़ा दम Meerut News
खुलेआम मौत को दावत दे रहे शहर के खुले नाले, ओडियन नाले में गिरे युवक ने तोड़ा दम Meerut News

मेरठ, जेएनएन। शहर के नाले जानलेवा साबित हो रहे हैं। ब्रह्रमपुरी में भूमिया पुल के निकट ओडियन नाले में गिरकर युवक की मौत हो गई। युवक शराब के नशे में धुत होकर नाले के किनारे बैठा था। आसपास के लोगों ने उसे निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। खुले नाले खुलेआम मौत को दावत दे रहे हैं लेकिन नगर निगम का ध्‍यान इस ओर नहीं जा रहा है।

मशक्‍कत के बाद निकाला गया

ब्रह्रमपुरी के भगवतपुरा स्थित आलोक विहार में 30 वर्षीय मोनू उर्फ पटेल पुत्र आशाराम रहता था। सोमवार शाम मोनू शराब पीने के बाद भूमिया पुल के निकट ओडियन नाले के पास बैठा था। रात करीब नौ बजे वह अचानक नाले में गिर गया। आसपास के लोगों ने उसे नाले में गिरता देखकर शोर मचा दिया। तभी पास में काम कर रहे पवन, ऋषिपाल और अशोक नाले में कूद गए। मशक्कत के बाद उसको निकाला जा सका। थाने से चंद कदमों की दूरी पर हुई घटना के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इंस्पेक्टर रघुराज सिंह ने बताया कि मोनू शराब के नशे में धुत था और नाले के किनारे बैठा था। अचानक झपकी लगते ही नाले में गिर गया। युवक की अभी शादी नहीं हुई थी। वह चार भाइयों में तीसरे नंबर का था।

हर पल मौत को दावत दे रहे खुले नाले

ओडियन नाले में गिरकर युवक की मौत के बाद नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तीन साल में खुले नाले में गिरने की 15 घटनाएं हो चुकी हैं। शहर में कुल 285 नाले हैं। इनमें से 12 नाले बड़े हैं। गंभीर बात यह है कि ये सभी खुले हुए हैं और शहर की 20 लाख जनता की जान के लिए मुसीबत बने हुए हैं। हर घटना के बाद नालों को ढकने की मांग होती है। शहर में तीन बड़े नाले हैं। इनमें आबूनाला-एक, आबूनाला-दो और ओडियन नाला शामिल हैं। कोटला, ब्रह्मपुरी, भूमिया का पुल, पिलोखड़ी, श्यामनगर के पुल से होते हुए हापुड़ रोड, थापरनगर, फिल्मिस्तान, नेहरू नगर, मोहनपुरी, सुभाषनगर का नाला आदि ऐसे हैं जो हर पल मौत को दावत दे रहे हैं।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

28 फरवरी को लिसाड़ी गेट के लक्खीपुरा नाले में मासूम की गिरकर मौत।

29 जनवरी को जसवंत मिल के पास तालाब और नाले में दो मासूम बच्चे फंसे थे।

20 अगस्त 2018 को कैंट क्षेत्र में गुरुतेग बहादुर पब्लिक स्कूल के पास नाले में मिला शव।

04 अगस्त 2018 को रशीदनगर के नाले में गिरकर चार साल की बच्ची की मौत।

17 जनवरी 2018 को ओडियन नाले में मिला युवक का शव। 

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