Coronavirus: अफसोस...मेरठ मेडिकल के आइसीयू में सिर्फ 36 फीसद मरीजों की जिंदगी बची

प्रदेश सरकार की सतर्क नजरों के बावजूद मेडिकल कालेज की रिपोर्ट धड़कनें बढ़ाने वाली हैं। वेस्ट यूपी के सबसे बड़े एल-3 केंद्र में बड़ी संख्या में कोविड मरीजों की मौतों ने शासन को चिंतित कर दिया है। बढ़ रहे आंकड़े भयावता को दर्शा रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 09:00 AM (IST)
Coronavirus: अफसोस...मेरठ मेडिकल के आइसीयू में सिर्फ 36 फीसद मरीजों की जिंदगी बची
मेरठ में सितंबर में आइसीयू में मौत की दर 64 फीसद तक पहुंच गई।

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Coronavirus प्रदेश सरकार की सतर्क नजरों के बावजूद मेडिकल कालेज की रिपोर्ट धड़कनें बढ़ाने वाली हैं। वेस्ट यूपी के सबसे बड़े एल-3 केंद्र में बड़ी संख्या में कोविड मरीजों की मौतों ने शासन को चिंतित कर दिया है। सितंबर में आइसीयू में मौत की दर 64 फीसद तक पहुंच गई। पडोसी जिलों से रेफर मरीज आइसीयू में सीधे भर्ती किए जा रहे हैं। सीएम के निर्देश पर विशेषज्ञों ने मरीजों की डेथ रिपोर्ट का आंकलन शुरू किया। पता चला कि मरीजों को देरी से भर्ती किया गया। वायरस में खतरनाक म्यूटेशन की भी आशंका है। 24 सितंबर तक आइसीयू में भर्ती 196 मरीजों से 126 की मौत हो गई।

24 तारीख तक 126 मरीजों की जान गई

मेडिकल कालेज में जून माह में 98 कोविड मरीजों की मौत हुई थी, लेकिन सितंबर में 24 तारीख तक 126 मरीजों की जान जा चुकी है। प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने डाक्टरों के साथ कारणों की जानकारी जुटाई। पता चला कि मेरठ और अन्य जिलों से तकरीबन समान संख्या में मरीज कोविड वार्ड में भर्ती हुए। कोरोना से मरने वालों में से 70 फीसद मरीज निजी अस्पतालों में इलाज लेने के बाद मेडिकल कालेज पहुंचे थे। इन मरीजों में साइटोकाइन स्टार्म के भरपूर लक्षण थे। तेज निमोनिया के साथ ही 95 फीसद मरीजों के शरीर में आक्सीजन मानक से कम थी। मंडलायुक्त अनीता मेश्राम एवं जिलाधिकारी के. बालाजी ने मरीजों की डेथ आडिट के लिए कहा है।

...यूं भर गया आइसीयू

मई-जून-जुलाई की तुलना में सितंबर माह में न सिर्फ मरीजों की संख्या बढ़ गई, बल्कि वो पहले से ज्यादा गंभीर लक्षणों के साथ आ रहे हैं। पहले ज्यादातर मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होते थे। स्थिति गंभीर होने पर एक तिहाई से कम मरीज आइसीयू में भर्ती हुए। लेकिन अब मरीज डायरेक्ट आइसीयू में पहुंच रहे हैं।

एक नजर यह भी 

एक से पांच सितंबर तक-आइसोलेशन में-72 मरीज, आइसीयू में-17

15 से 19 सितंबर-आइसोलेशन में-47 मरीज, आइसीयू में 49

19 से 23 सितंबर-आइसालेशन में-54 मरीज, आइसीयू में 47

एक से 12 सितंबर तक-84 मरीज आइसीयू में, 56 की मौत

13 से 24 सितंबर तक-112 मरीज आइसीयू में, 70 की मौत

मेडिकल कालेज में 24 सितंबर तक की स्थिति

1645 मरीज अब तक भर्ती

624 मरीज आक्सीजन पर

494 मरीज आइसीयू में भर्ती

347 मरीज वेंटीलेटर पर अब तक

361 मरीजों की मौत-21.94 फीसद

इनका कहना है

मेडिकल कालेज एल-3 केंद्र है, जहां आसपास के जिलों से रेफर केस आते हैं। मरीजों की मौतों का विश्लेषण किया गया है। आइसोलेशन से बेहद कम मरीज आइसीयू में पहुंचे, लेकिन निजी अस्पतालों में देरी तक इलाज कराने के बाद जो मरीज डायरेक्ट आइसीयू में भर्ती किए गए, उनमें मौतों की दर बहुत ज्यादा है। मेडिकल टीम हर स्तर पर सतर्क है। कोमाॢबड मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री देखते हुए इलाज किया जा रहा है।

- डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज

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