Omicron Strain News: बढ़ रही दहशत, जानिए कैसे गुपचुप फैलेगा ओमिक्रोन, पढ़िए क्या कहते हैं मेरठ के विशेषज्ञ
Omicron Strain News भारत में भी ओमिक्रोन भी एंट्री हो चुकी है। इस घातक वायरस से खतरा बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट से फेफड़ों के एपीथीलियल सेल को नुकसान नहीं। ओमिक्रोन से बेहद सावधान रहना होगा लेकिन डरने की आवश्यकता नहीं।
संतोष शुक्ल, मेरठ। कोरोना का नया वैरिएंट पहले से ज्यादा बहुरूपिया है। यह अब तक जानलेवा साबित नहीं हुआ है, लेकिन संक्रमण की दर आठ गुना होगी। ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में ज्यादातर एसिम्टोमेटिक यानी बिना लक्षण वाले होंगे, ऐसे में संक्रमण अनियंत्रित होने का खतरा है। यह वायरस फेफड़ों की एपीथीलियल सेल और ऊपरी परत को नुकसान नहीं कर रहा।
स्पाइक प्रोटीन में 40 से ज्यादा बदलाव
मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. अरविंद का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में 40 से ज्यादा बदलाव हुए हैं। लक्षणों में भी बड़ा परिवर्तन आया है। कोविड की पहली व दूसरी लहर में मरीजों को तेज बुखार, गले में दर्द, खराश, खांसी, आक्सीजन की कमी, स्वाद व गंध गायब होने के लक्षण मिले थे, जबकि ओमिक्रोन में ऐसा नहीं है। दक्षिण अफ्रीका और बोत्सवाना में मिले मरीजों पर हुए परीक्षण में पता चला है कि नए वैरिएंट से गले में हल्की खराश, बुखार एवं थकान के लक्षण उभरते हैं, और कफ न बनने से मरीजों की सांस नहीं फूली। चिकित्सकों का कहना है कि ओमिक्रोन में खतरनाक लक्षण नहीं हैं, लेकिन आने वाले दिनों में वायरस में होने वाले बदलावों पर निर्भर होगा। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि वायरस में बड़ा बदलाव हुआ है, लेकिन इससे संक्रमण खतरनाक हो जाएगा, यह जरूरी नहीं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
ओमिक्रोन से बेहद सावधान रहना होगा, लेकिन डरने की आवश्यकता नहीं। दुनियाभर में संक्रमित ज्यादातर युवा घर पर रहकर ठीक हो रहे हैं। इससे मरीजों में कफ व खांसी नहीं आ रही, ऐसे में निमोनिया का खतरा कम है। पिछली लहर में ज्यादातर मौतें साइटोकाइन स्टार्म व हार्ट अटैक से हुई थीं।
- डा. अरविंद, प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, मेडिकल कालेज
कोविड वायरस फेफड़ों में पहुंचने के बाद खतरनाक है। ओमिक्रोन वैरिएंट फिलहाल निमोनाइटिस नहीं कर रहा। इन्फ्लामेटरी मार्कर डिस्टर्ब नहीं हो रहे हैं। लेकिन खांसी न आने पर नए मरीज तेजी से बढ़ेंगे। हल्की थकान व बुखार पर जांच कराएं।
- डा. अमित अग्रवाल, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
दक्षिण अफ्रीका से आए सात लोगों पर खास नजर
मेरठ : विदेश से मेरठ आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसमें सात लोग दक्षिण अफ्रीका से आए हैं, जहां ओमिक्रोन वेरिएंट ज्यादा सक्रिय है। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि अब तक 187 यात्रियों की सूची मिली है, जिसमें सर्वाधिक खाड़ी देशों से आए हैं। दक्षिण अफ्रीका से आए सात लोगों की सैंपलिंग कर उसे जांच के लिए माइक्रोबायोलोजी लैब भेजा गया है। इस वायरस से संक्रमित मरीज एसिम्टोमेटिक हो सकते हैं। साथ ही आरटी-पीसीआर जांच में भी पकड़ में न आने की आशंका है।