दिल्ली से मेरठ रेलवे ट्रैक पर मोहिउद्दीनपुर में ओएचई वायर टूटा, कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित; रांग साइड से आईं ट्रेनें

दिल्ली से मेरठ रेलवे ट्रैक पर मोहिउद्दीनपुर में सोमवार शाम ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) वायर टूटने से कई ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। शालीमार पौने दो घंटा शटल 1.50 घंटा और पैसेंजर तीन घंटा लेट। मोदीनगर से मोहिउद्दीनपुर तक रांग साइड से आईं ट्रेनें।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:43 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:43 PM (IST)
दिल्ली से मेरठ रेलवे ट्रैक पर मोहिउद्दीनपुर में ओएचई वायर टूटा, कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित; रांग साइड से आईं ट्रेनें
दिल्ली से मेरठ रेलवे ट्रैक पर मोहिउद्दीनपुर में ओएचई वायर टूटा।

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली से मेरठ रेलवे ट्रैक पर मोहिउद्दीनपुर में सोमवार शाम ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) वायर टूटने से कई ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। बाद में ट्रेनों को डीजल इंजन लगाकर रांग साइड (डाउन लाइन) से रवाना किया गया। डेढ़ घंटे तक इस रूट पर ट्रेनों का संचालन ठप रहा।

शाम सवा छह बजे दिल्ली मेरठ रेलवे ट्रैक का ओएचई वायर टूट गया। अचानक सप्लाई बंद होने से मोहिउद्दीनपुर के कुछ पहले मेरठ की ओर रही आ रही 04403 दिल्ली सहारनपुर पैसेंजर वहीं खड़ी हो गई। मोदीनगर से लेकर परतापुर स्टेशन के बीच दिल्ली मेरठ रूट के ट्रैक की ओएचई सप्लाई पूरी तरह बाधित हो गई। शाम सवा छह बजे खड़ी पैसेंजर ट्रेन को चलाने के लिए मेरठ सिटी स्टेशन से डीजल इंजन भेजा गया। जिसके बाद वह रात 9.10 बजे मोहिउद्दीनपुर से चली और 9.40 बजे सिटी स्टेशन पहुंची। इसका सिटी स्टेशन आने का निर्धारित समय शाम साढ़े छह बजे है। शटल ट्रेन को मोदीनगर में रोक दिया गया।

इसी बीच दिल्ली से आ रही शालीमार एक्सप्रेस मोदीनगर में खड़ी हो गई। ट्रेन को रांग साइड से मोदीनगर से मोहिउद्दीनपुर तक लाया गया। यह ट्रेन भी पौने दो घंटे तक मोदीनगर में खड़ी रही। मेरठ सिटी स्टेशन रात 8.17 बजे पहुंची जबकि इसके पहुंचने का निर्धारित समय शाम 6.37 बजे है।

मोदीनगर में खड़ी शटल ट्रेन रात 10 बजे मोदीनगर से रवाना हुई। यह ट्रेन आठ बजे से मोदीनगर में खड़ी थी। इसमें भी डीजल इंजन लगाया गया। यह ट्रेन भी रांग लाइन से मोहिउद्दीनपुर तक आयी। दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि तीन ट्रेने प्रभावित हुई हैं। पैसेंजर ट्रेनों को डीजल इंजन लगाकर रवाना किया गया। रात में टूटे गए वायर की मरम्मत कराई गई।

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