कोरोना पर सतर्कता : मेरठ में अफसरों की सुभारती को दो टूक..अब शिकायत बर्दाश्त नहीं

नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद एवं अरुण प्रकाश ने रविवार को पूरा दिन निरीक्षण किया और शाम को सीएम योगी की वीडियो काफ्रेंसिंग में रहे। अधिकारियों ने सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड प्रबंधन को कड़े तेवर में चेताया।

By Edited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 03:00 AM (IST)
कोरोना पर सतर्कता : मेरठ में अफसरों की सुभारती को दो टूक..अब शिकायत बर्दाश्त नहीं
मेरठ में अफसर कोरोना को लेकर अब बेहद सतर्क हो रहे हैं।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना नियंत्रण को लेकर मेरठ पहुंची शासन की टीम ने दो दिनों में सभी कोविड केंद्रों का निरीक्षण कर लिया। नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद एवं अरुण प्रकाश ने रविवार को पूरा दिन निरीक्षण किया और शाम को सीएम योगी की वीडियो काफ्रेंसिंग में रहे। अधिकारियों ने सुभारती मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड प्रबंधन को कड़े तेवर में चेताया। आगाह किया कि सुभारती के खिलाफ शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में दो दिन में सुधार करना होगा, अन्यथा रिपोर्ट प्रदेश सरकार को संदर्भित कर दी जाएगी।

सुभारती मेडिकल कालेज के खिलाफ दर्जनों शिकायतें सीएमओ के पास दर्ज हैं। ज्यादा बिल बनाने, भर्ती करने में आनाकानी, गलत जाच रिपोर्ट, दवाओं की गुणवत्ता और स्टाफ के व्यवहार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। पिछले दिनों अस्पताल की खामियों को लेकर वीडियो वायरल हुए थे। सुभारती मेडिकल कालेज के बिल पर शासन में आपत्ति भी लग चुकी है, जिसकी जाच अब एक कमेटी करेगी। अस्पताल ने शासन को बेड टिकट नहीं भेजा है, जिसमें मरीजों की पूरी डिटेल होती है।

मौत रोकनी है तो बीमारी की रखें हिस्ट्री

नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद, जिलाधिकारी के बालाजी व विशेष सचिव अरुण प्रकाश की टीम ने सुबह कंट्रोल रूम का दौरा किया। इसके बाद सुभारती गए। वहा पर निरीक्षण करने के बाद टीम आनंद अस्पाल पहुंचे, जहा मरीजों का रिकार्ड तलब किया। डाक्टरों से मरीजों के इलाज प्रक्रिया की पूरी जानकारी ली। आगाह किया कि गंभीर मरीजों को एल-3 केंद्रों में भेजने में कोई देरी न की जाए। शासन की टीम मेडिकल कालेज पहुंची, जहां पिछले एक सप्ताह में भर्ती मरीजों एवं उनकी गंभीर स्थिति के कारणों पर चर्चा की गई। नोडल अधिकारी ने कहा कि हर मरीज की डिटेल रखनी होगी। इससे कोविड इलाज में भी मदद मिलेगी, साथ ही मौत की दर में कमी आ सकेगी। मरीजों से भी फीडबैक लिया गया। टीम ने आक्सीजन की खपत, उपलब्धता की भी रिपोर्ट ली।

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