बागपत : मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर बारिश में भी सिसाना गांव की ओर दौड़ते रहे अधिकारी
सिसाना गांव बागपत कलक्ट्रेट से चंद कदम दूर है। इस गांव में मुख्यमंत्री का संभावित दौरा है। अधिकारियों को डर है कि कहीं कोई ग्रामीण मुख्यमंत्री के सामने किसी योजना के धड़ाम होने को लेकर पोल न खोल दें। यही कारण रहा कि दिनभर अधिकारियों की सिसाना में आवाजाही रही।
बागपत, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 29 जुलाई को बागपत के संभावित दौरे को लेकर सरकारी तंत्र में खलबली है। अधिकारी युद्धस्तर पर तैयारी में जुटे नजर आए। मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह, एडीजी राजीव सभरवाल तथा आइजी प्रवीण कुमार ने बागपत का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया और अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। हालांकि गुरुवार की शाम तक मुख्यमंत्री के बागपत आगमन का कार्यक्रम नहीं आया है।
प्रशासन मुख्यमंत्री के संभावित दौरा मानकर अपनी तैयारी में जुटा है। प्रशासन मानकर चल रहा है कि यदि मुख्यमंत्री आएंगे तो सिसाना गांव में विकास कार्यों, स्कूल और गोशाला का निरीक्षण कर ग्रामीणों की बातों को सुन सकते हैं। कलक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों और विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं, आक्सीजन प्लांट, कोविड की तीसरी लहर से निपटने के प्लान की समीक्षा और जिला अस्पताल का निरीक्षण और पत्रकार वार्ता कर सकते हैं। पुलिस लाइन में हेलीपेड बनाया है। तमाम सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी आंकड़ों को ठीक करने के साथ बुकलेट तैयार कराने में जुटे रहे। जिला अस्पताल व कलक्ट्रेट में सफाई अभियान चलाया गया। इसके अलावा अधिकारियों को झमाझम बारिश में सिसाना गांव की ओर दौड़ लगाते नजर आए।
डीएम राज कमल यादव समेत अनेक अधिकारी दोपहर में झमाझम बारिश में सिसाना पहुंचे और छतरी लगाकर दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे-709बी पर हुए जलभराव के पानी की निकासी कराने, हाइवे किनारे कूड़े के ढेर हटाने, स्कूल भवन को चमकाने व गो आश्रय स्थल का हाल सुधारने का काम देखकर निर्देश दिए। शाम को मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह, एडीजी राजीव सभरवाल, आइजी प्रवीण कुमार ने डीएम, एसपी अभिषेक सिंह और एडीएम अमित कुमार सिंह के साथ सिसाना में मुख्यमंत्री के संभावित दौरे को लेकर चल रही तैयारियां देख अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
रसगुल्ले जैसी मीठी हुई अधिकारियों की वाणी
सिसाना गांव कलक्ट्रेट से चंद कदम दूर है। इस गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संभावित दौरा है। अधिकारियों को डर इस बात का है कि कहीं कोई ग्रामीण मुख्यमंत्री के सामने किसी सरकारी योजना के धड़ाम होने अथवा तंत्र के काम काज को लेकर पोल न खोल दें। यही कारण रहा कि दिनभर अधिकारियों को सिसाना में आवाजाही रही। अधिकारी ग्रामीणों से रसगुल्लों जैसी मिठास वाली भाषा में बात कर उन्हें समझाते नजर आए। कई अधिकारी तो भाजपा नेताओं से कहते रहे कि ध्यान रखना...कहीं कोई बात हो तो संभाल लेना।