अपनी जमीन छुड़ाने को अफ्रीका से आया एनआरआइ कारोबारी
अफ्रीका के कार कारोबारी दो माह का वीजा लेकर फलावदा के गांव गडीना आए हैं ले
मेरठ,जेएनएन। अफ्रीका के कार कारोबारी दो माह का वीजा लेकर फलावदा के गांव गडीना आए हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि वे यहां घूमने नहीं, बल्कि अपनी जमीन को कब्जाधारियों से मुक्त कराने आना पड़ा। दरअसल, अफ्रीकी कारोबारी की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। कारोबारी का भतीजा भी इसमें हिस्सेदार है। भतीजा कई दिनों से फलावदा थाने के चक्कर काट रहा था, लेकिन समाधान नहीं हुआ। आखिरकार सोमवार को अफ्रीकी कारोबारी एसएसपी आफिस पहुंचे और आप बीती सुनाई। एसपी क्राइम ने उन्हें जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि दूसरे पक्ष ने कारोबारी के एनआरआइ होने पर ही सवाल उठाते हुए पुलिस को उलझन में डाल दिया।
फलावदा क्षेत्र के ग्राम गडीना निवासी धर्मपाल पुत्र रामनाथ के मुताबिक वर्ष 1993 में वह अफ्रीका के हांमिगबर्ड साउथ में रहने लगे थे। करीब 28 वर्ष से वह अफ्रीका में रह रहे हैं। उनकी जमीन पर उनका भतीजा इंद्रजीत खेती करता था। आरोप है कि विकास पुत्र राजेंद्र निवासी जयभीम नगर थाना भावनपुर, उसकी पत्नी अनीता व सुमित ने मिलकर धोखाधड़ी से जमीन विजय कुमार निवासी जागृति विहार सेक्टर-सात के नाम करा ली। इंद्रजीत ने मामले की जानकारी एनआरआइ चाचा धर्मपाल को दी। सोमवार को धर्मपाल अफ्रीका से भारत पहुंचे और फलावदा थाने में आरोपितों के विरुद्ध धोखाधड़ी की तहरीर दी। थाने स्तर से कार्रवाई नहीं होने पर एसपी क्राइम राम अर्ज से मिलकर मामले से अवगत कराया और कार्रवाई की मांग की है। वहीं, फलावदा थाना प्रभारी शिव वीर भदौरिया ने बताया कि दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया था लेकिन दूसरे पक्ष ने धर्मपाल के एनआरआई होने पर सवाल खड़ा कर दिया। धर्मपाल ने मूल दस्तावेज थाने में जमा कराए हैं, जिसकी जांच चल रही है।
चौकी इंचार्ज पर साठगांठ का आरोप
धर्मपाल के भतीजे इंद्रजीत का कहना है कि उन्होंने कई बार चौकी इंचार्ज पवन गंगवार से शिकायत की लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं की। इसके चलते आरोपित पक्ष उनकी जमीन कब्जाते रहे।