बिजनौर में अब गेहूं बुआई को नहीं रहेगी डीएपी की किल्लत, जनपद में पहुंचा इतने मीट्रिक टन खाद

fertilizer In bijnore बिजनौर में जिला कृषि अधिकारी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं से अपेक्षा की कि वह निर्धारित मूल्य पर ही सभी उर्वरकों की बिक्री करें और उर्वरकों के साथ किसी भी अन्य उत्पाद की टैंगिंग आदि न करें। शनिवार को यहां डीएपी पहुंच गई है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 02:50 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 02:50 PM (IST)
बिजनौर में अब गेहूं बुआई को नहीं रहेगी डीएपी की किल्लत, जनपद में पहुंचा इतने मीट्रिक टन खाद
बिजनौर में गेहूं की बुआई के लिए अब खाद की किल्‍लत नहीं होगी।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। बिजनौर जनपद में रबी की फसल विशेषकर गेहूं की बुआई के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी की उपलब्धता है। शनिवार को जनपद में 3932 मीट्रिक टन इफको डीएपी की रैक प्राप्त हुई है। वर्तमान में जनपद में कुल 5488 मीट्रिक टन डीएपी एवं 3120 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। अब किसानों को गेहूं बुआई को डीएपी, एनपीके खाद की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। पास के सभी समितियों व स्टोरों पर खाद पर्याप्त मात्रा मिलेगा।

उर्वरक की उपलब्धता

रबी सीजन के लिए अब आवश्यकता के अनुसार फास्फेटिक एवं पोटैशिक उर्वरक की उपलब्धता हो गई है। डीएपी की कमी के कारण बिना उसके ही गेहूं बुआई करने को मजबूर थे। अब ऐसा नहीं होगा रबी फसलों की बुआई के लिए किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार डीएपी उर्वरक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार क्रय कर समय से गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की बुवाई करें।

उत्पाद की टैंगिंग न करें

किसान को उर्वरकों के क्रय के समय अपना आधार नंबर अवश्य साथ रखना होगा। निजी क्षेत्र में डीएपी और यूरिया की उपलब्धता के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। अगले एक सप्ताह में निजी प्रदायकर्ता कंपनी द्वारा आपूर्ति डीएपी और यूरिया की रैक प्राप्त हो जाएगी। जिला कृषि अधिकारी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं से अपेक्षा की कि वह निर्धारित मूल्य पर ही सभी उर्वरकों की बिक्री करें और उर्वरकों के साथ किसी भी अन्य उत्पाद की टैंगिंग आदि न करें। अन्यथा की दशा में उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सभी उर्वरक विक्रेता उर्वरक व्यवसाय को आवश्यक समस्त अभिलेख एवं बिल अद्यतन रखें तथा उर्वरक की बिक्री प्रत्येक दशा में पीओएस मशीन से ही करें।

इनका कहना है

अब जनपद में इफको डीएपी एवं एनपीके खाद कम रहने की समस्या नहीं है। शनिवार को जिले में 3932 मीट्रिक टन इफको डीएपी की रैक बिजनौर स्टेशन पर पहुंच गई। किसानों को गेहूं की बुआई के लिए पर्याप्त मात्रा डीएपी उपलब्ध है और किसान गेहूं की बुआई करें। यदि कोई विक्रेता उर्वरकों के साथ किसी भी अन्य उत्पाद की टैंगिंग आदि करता पाया गया, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

- डा. अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी बिजनौर

chat bot
आपका साथी