कोविड के पीकू वार्ड में भी होगा अब डेंगू का इलाज

मेडिकल कालेज में बच्चों के इलाज के लिए बनाया गया कोविड आइसीयू अब डेंगू मरीजों की भी जान बचा रहा है। कोविड संक्रमण थमा हुआ है ऐसे में शासन ने बुखार के गंभीर मरीजों का पीकू में इलाज करने की गाइडलाइन जारी की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 05:49 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 05:49 AM (IST)
कोविड के पीकू वार्ड में भी होगा अब डेंगू का इलाज
कोविड के पीकू वार्ड में भी होगा अब डेंगू का इलाज

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज में बच्चों के इलाज के लिए बनाया गया कोविड आइसीयू अब डेंगू मरीजों की भी जान बचा रहा है। कोविड संक्रमण थमा हुआ है, ऐसे में शासन ने बुखार के गंभीर मरीजों का पीकू में इलाज करने की गाइडलाइन जारी की है। लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में डेंगू से शाक सिंड्रोम में पहुंची बच्ची को पीकू वार्ड में भर्ती कर उसकी जान बचाई गई। 14 साल की बच्ची को सी-पैप पर रखकर शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाई गई।

कोरोना नहीं आया तो डेंगू में काम आए उपकरण

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों को कोरोना की नई लहर से बचाने के लिए 110 बेडों का पीकू वार्ड बना है। अगस्त-सितंबर तक कोरोना की नई लहर की आशंका थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उधर, सितंबर में डेंगू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बच्चों के लिए डेंगू ज्यादा खतरनाक साबित होता है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. विजय जायसवाल ने बताया कि बुलंदशहर से आई 14 साल की लड़की गंभीर रूप से डेंगू से पीड़ित थी। उसकी सांस की दर 18-20 की जगह 40 से ज्यादा थी, वहीं हाई फ्लो आक्सीजन देने के बाद भी सेचुरेशन 80-82 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ रहा था। लड़की शाक सिंड्रोम में चली गई थी। सी-पैप पर रखकर इलाज किया गया। मरीज ठीक हो गई। एक और बच्चे का डेंगू पीकू वार्ड में भर्ती कर ठीक किया गया।

फेफड़े में पानी भर सकता है डेंगू

डेंगू वायरस लिवर, किडनी, लंग्स और खून की नलियों को भी डैमेज कर सकता है। जिले में मरीजों की संख्या तीन सौ पार कर गई। मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल समेत निजी चिकित्सा केंद्रों में बड़ी संख्या में डेंगू मरीज भर्ती हैं।

ये है पीकू वार्ड की क्षमता

कुल बेड-110

आइसोलेशन-50 बेड

वेंटिलेटर-20

वाईपैप, सीपैप-30

डेंगू के मरीजों में भी निमोनिया हो सकता है, जो जानलेवा है। पीकू वार्ड में आक्सीजन देने के लिए वाईपैप, सीपैप, एचएफएनसी जैसी सुविधाएं हैं। वायरल बुखार उतरने के चौथे-पांचवें दिन मरीज का बीपी गिरे, पेट व सांस फूलने एवं गफलत उभरे तो यह जानलेवा है। कोविड के पीकू वार्ड में बुखार के मरीजों को भर्ती करने की अनुमति मिल गई है। दो मरीज ठीक भी हो चुके।

डा. विजय जायसवाल, विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग, मेडिकल कालेज

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