Ankit Gurjar Death: आतंक के दम पर निर्विरोध प्रधान बनना चाहता था कुख्यात अंकित, गांव में डलवाए थे पंफलेट
बागपत जिले खैला गांव निवासी अंकित उर्फ बाबा पुत्र विक्रम बगपत के चांदीनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर था। दिल्ली तिहाड़ जेल में मारा गया कुख्यात अंकित उर्फ बाबा आतंक के बल पर खैला गांव में निर्विरोध प्रधान बनना चाहता था। उसने खैला गांव में पंफलेट डलवाकर ग्रामीणों को धमकी दी थी।
बागपत, जागरण संवाददाता। दिल्ली तिहाड़ जेल में गैंगवार में मारा गया कुख्यात अंकित उर्फ बाबा आतंक के बल पर खैला गांव में निर्विरोध प्रधान बनना चाहता था। चुनाव में बाधा बनने पर उसने पूर्व प्रधान के बेटे की हत्या कर दी थी। इस वारदात के बाद वह जनपद में सुर्खियों में आया था और उस पर पचास हजार का इनाम भी घोषित हुआ था। हालांकि जेल जाने के बाद वह प्रधान तो नहीं बन पाया पर उसने अपनी मां गीता देवी को चुनावी मैदान में उतार कर प्रधान जरूर बनवा दिया।
बागपत जिले खैला गांव निवासी अंकित उर्फ बाबा पुत्र विक्रम, चांदीनगर थाना का हिस्ट्रीशीटर (एचएस नंबर-854/ए) था। तीन अगस्त 2020 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झज्जर (हरियाणा) से उसे मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। अंकित के भाई अंकुर का आरोप है कि पिछले कई माह से तिहाड़ जेल का स्टाफ अंकित को परेशान कर रहा था। अंकित की साजिशन हत्या की गई है।
घर में घुसकर की थी प्रधान के बेटे की हत्या
18 जुलाई 2019 में अंकित ने खैला गांव के पूर्व प्रधान राजे सिंह के बेटे एवं प्रधान पद के भावी प्रत्याशी विनोद कुमार की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। पहले अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ था, बाद में नाम प्रकाश में आने पर अंकित पर बागपत पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था।
मां को वोट देने के लिए जेल से धमकाए थे वोटर
अंकित उर्फ बाबा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपनी मां गीता देवी को वोट देने के लिए वोटरों को जेल से धमकाया था और रंगदारी भी मांगी थी। चांदीनगर पुलिस ने अंकित, उसके दो भाई अंकुर, रोबिन व मां के खिलाफ रंगदारी व धमकाने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। चुनाव में मां गीता देवी ने जीत दर्ज की और प्रधान बनीं।
विनोद की हत्या के बाद गांव में डलवाए थे पंफलेट
विनोद की हत्या के कुछ समय बाद खैला गांव की गलियों में डाले गए पंफलेट में लिखा था कि मैं अंकित उर्फ बाबा, सभी गांव वासियों से मेरा निवेदन यह है कि मुझे अपने गांव में निर्विरोध प्रधानी चाहिए। अगर निवेदन से भी नहीं समझे तो फिर रिजल्ट आपके सामने है। अगर मुझको किसी की सूचना मिली तो फिर अंजाम विनोद की तरह होगा। टिकट भरने के लिए गांव का गेट तो नहीं पर बड़ागांव की नहर भी पार नहीं करने दूंगा।