Martyr Nishant Sharma: आखों में आंसू, जुबां पर दर्द लिए फख्र से बोले पिता, देश के लिए शहीद हो गया बेटा
जवान बेटे को खो चुके स्वजन कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं कुछ भी पूछने पर जवाब देने की कोशिश करते हैं लेकिन कुछ बोल नहीं पाते। आखिर में पुत्र की शहादत पर गर्व जताकर कहते हैं कि उनका खून देश के लिए शहीद हुआ इसका उन्हें गर्व है।
सहारनपुर, जेएनएन। रविवार की रात साढे सात बजे हैं..। सहारनपुर दिल्ली हाईवे से सर्किट हाउस को जाने वाली रोड के हर नुक्कड़ पर आम लोगों की भीड़ है। सरकारी गाड़ियों का काफिला भी सर्किट हाउस की ओर दौड़ लगाकर एक गली के बाहर आकर रुक रहा है। दरअसल इसी गली में शहीद निशांत शर्मा का घर है, जहां उसके वृद्ध माता-पिता, पत्नी तथा पूरा परिवार रहता है। सरकारी अफसर निशांत के घर पर पहुंचे हुये हैं। डीएम अखिलेश कुमार सिंह व एसएसपी डा. एस चेनप्पा परिजनों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ले रहे हैं। अपने जवान बेटे को खो चुके स्वजन कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं, कुछ भी पूछने पर जवाब देने की कोशिश करते हैं, लेकिन बहुत कुछ बोल नहीं पाते। आखिर में पुत्र की शहादत पर गर्व जताकर कहते हैं, कि उनका खून देश के लिए शहीद हुआ इसका उन्हें गर्व है।
घायल होने की सूचना के बाद रवाना हुआ था भाई
जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सोमवार 18 जनवरी की सुबह पाकिस्तान की ओर से गई गोलाबारी में घायल सहारनपुर के निशांत शर्मा को उपचार के लिए कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। न्यू शारदानगर गली नंबर-41 में रहने वाले जोगिंद्र शर्मा के तीन पुत्रों में दूसरे नंबर के निशांत का उपचार चल रहा था। इनके छोटे भाई शुभम शर्मा जो मेरठ में तैनात हैं, सूचना पाकर कमांड अस्पताल में पहुंचे हुये थे। उपचार के दौरान निशांत को बचाने के हर संभव प्रयास हुए, लेकिन निशांत उपचार के दौरान शहीद हो गए।
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बच्चों को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते
निशांत के ताऊ राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि निशांत की हाइट काफी अच्छी थी। वह सात फुट सात इंच की हाइट का था। ताऊ ने बताया कि वह जिस गार्ड रेजीमेंट में था, उसमें सात फुट ऊंचाई के युवा ही लिए जाते हैं। इस रेजीमेंट को पहले राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगाया जाता था, लेकिन बाद में यह रेजीमेंट फाइटिंग भी करने लगी। ताऊ ताऊ राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि उनके परिवार के चार लोग सेना में हैं। वह अपने परिवार के बच्चों को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते हैं। बताया कि निशांत बहुत साहसी था, उसके साहस की कोई तुलना नहीं की जा सकती।