नौ दिन बाद बड़ा भाई भी चल बसा, बिखर गया परिवार

कोरोना की इस लहर ने लोगों को कहीं का नहीं छोड़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 10:15 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 10:15 AM (IST)
नौ दिन बाद बड़ा भाई भी चल बसा, बिखर गया परिवार
नौ दिन बाद बड़ा भाई भी चल बसा, बिखर गया परिवार

मेरठ,जेएनएन। कोरोना की इस लहर ने लोगों को कहीं का नहीं छोड़ा है। महामारी का कहर दो सगे भाइयों पर टूट पड़ा। सोमदत्त विहार निवासी 42 वर्षीय नितिन अग्रवाल का शनिवार को बाईपास स्थित अस्पताल में निधन हो गया। इससे पहले छह मई को उनके छोटे भाई की भी इस बीमारी से मौत हो गई थी। सूरजकुंड श्मशान घाट में बेटी रिया ने पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद स्वजन का दिल बैठ गया।

चचेरे भाई शरद सुधाकर ने वहा मौजूद परिवार की ओर इशारा कर बताया कि तीन बेटिया हैं, अब उनके सपने कौन पूरे करेगा। 12वीं की छात्रा रिया उर्फ टिमटिम डाक्टर बनना चाहती है। रोते-बिलखते हुए रिया ने पीपीई किट पहनकर आर्य समाज के विधान से अंतिम संस्कार किया। उसकी छोटी बहनें प्रिया और आराध्या भी मौजूद थीं जिन्हें किसी तरह स्वजन ढांढस बंधाते रहे। स्वजन ने बताया कि यही नितिन एक पखवाड़े पहले अपने छोटे भाई 37 वर्षीय सचिन के लिए आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम करने को कई-कई घटे लाइन में लगे रहते थे। स्वजन ने नितिन के इलाज के लिए भी एड़ी-चोटी का जोर लगाया, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मृतक के ताऊ अशोक सुधाकर ने बताया कि दोनों भाई पुस्तक डिजाइनिंग के व्यापार से जुडे़ थे। हंसता-खेलता परिवार था जिस पर कोरोना का ग्रहण लग गया। सचिन के परिवार में एक बेटी और दो साल का एक बेटा है।

सूरजकुंड में 27 शवों का अंतिम संस्कार: सूरजकुंड श्मशानघाट में शनिवार को कुल 27 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। गंगा मोटर कमेटी के पदाधिकारियों ने यह जानकारी दी। गंगा मोटर कमेटी के अनुसार शनिवार को रात 8.35 बजे तक दाह संस्कार किए गए। कुल 27 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे। जिसमें 10 कोरोना संक्रमित शव थे। जो सील कर अस्पतालों से एंबुलेंस लेकर श्मशानघाट पहुंची थी। जबकि 17 शव नान कोविड के रहे। सभी शवों का अंतिम संस्कार विधि-विधान से कराया गया। शवों की संख्या कम होने से श्मशानघाट पर प्लेटफार्म खाली मिले। जिससे चिता लगाने के लिए भी लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ा।

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बाले मियां कब्रिस्तान में दफनाए गए 10 शव

नौचंदी स्थित हजरत बाले मियां कब्रिस्तान में कुल 10 शव दफनाए गए। कब्रिस्तान के प्रबंधक मुफ्ती मोहम्मद अशरफ ने बताया कि इसमें दो शव कोरोना संक्रमित रहे। जबकि आठ शव नान कोविड के रहे।

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