मुजफ्फरनगर में जानलेवा हमले के नौ आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी, यह है मामला

छह वर्ष पूर्व गोली मारकर घायल किए जाने के बाद दर्ज कराए गए मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट वीरेंद्र कुमार पांडे ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ आरोपियों को बरी कर दिया। रामलीला में बैठने को लेकर हुआ था झगड़ा।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 05:03 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 05:03 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में जानलेवा हमले के नौ आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी, यह है मामला
मुजफ्फरनगर में हमले के नौ आराेप‍ित बरी।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। छह वर्ष पूर्व नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव जट मुझेडा में गोली मारकर घायल किए जाने के बाद दर्ज कराए गए मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट वीरेंद्र कुमार पांडे ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ आरोपियों को बरी कर दिया।

यह है मामला

अभियोजन के अनुसार दो अक्टूबर 2014 को नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव जट मुझेड़ा निवासी दलित जगीवीरा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका बेटा रवीश रामलीला देखने गया था। वहां पर बैठने को लेकर कुछ लोगों से उसका झगड़ा हो गया था। गांव के जिम्मेदार लोगों ने दोनों पक्ष में समझौता करा दिया था। आरोप था कि अगले दिन गांव के राजीव, संजीव, नकुल, जसवीर, मनोज, मोनिका तथा कुशल निवासी जट्ट मुझेडा एवं कल्लू तथा परमित हाल निवासी जट मुझेड़ा ने घर पर चढ़ाई कर दी थी, और उसके बेटे रवीश तथा एक अन्य प्रदीप को गोली मार दी थी। दोनों को घायल अवस्था में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज मेरठ रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने जानलेवा हमला एससी एसटी तथा अन्य धाराओं के तहत सभी नौ आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा ने नामजद आरोपियों के घटना में शामिल होने से इनकार किया। जिसके उपरांत कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। 

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