अभ्युदय योजना का नया सत्र 15 नवंबर से

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का नया कोचिंग सत्र 15 नवंबर से शुरू होगा। 20 अक्टूबर तक ही छात्र कोचिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद 21 अक्टूबर से प्रवेश परीक्षा होगी और 15 नवंबर से कोचिंग का नया सत्र शुरू कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:11 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:11 PM (IST)
अभ्युदय योजना का नया सत्र 15 नवंबर से
अभ्युदय योजना का नया सत्र 15 नवंबर से

मेरठ, जेनएन। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का नया कोचिंग सत्र 15 नवंबर से शुरू होगा। 20 अक्टूबर तक ही छात्र कोचिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद 21 अक्टूबर से प्रवेश परीक्षा होगी और 15 नवंबर से कोचिंग का नया सत्र शुरू कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत जेईई, नीट, एनडीए व सीडीएस और सिविल सेवा व राज्य सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारियों के लिए कोचिंग शुरू किया जा रहा है। छात्र वेबसाइट www.ड्डढ्डद्ध4ह्वस्त्रड्ड4.ह्वश्च.द्दश्र1.द्बठ्ठ पर अपना आवेदन कर रजिस्ट्रेशन की जांच कर सकते हैं। इसके बाद 21 अक्टूबर को जेईई, 22 अक्टूबर को नीट, 25 अक्टूबर को एनडीए व सीडीएस और 26 अक्टूबर को सिविल सेवा व राज्य सिविल सेवा की प्रवेश परीक्षा का आयोजन दोपहर 02 से 3.30 बजे तक किया जाएगा। 29 अक्टूबर को प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित होगा। तमाम प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद 15 नवंबर से शहरी क्षेत्र में बनाए चार सेंटर पर कोचिंग का नया सत्र शुरू किया जाएगा।

मानसिक रोगों के प्रति किया जागरूक : परीक्षितगढ़ के तिरुपति बालाजी कन्या महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों ने शनिवार को लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में शबीला प्रथम रहीं।

प्रतियोगिता मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार डा. भावना शर्मा और दूसरी इकाई की कार्यक्रम अधिकारी मिस्बाह मुबीन के नेतृत्व में हुई। प्रतियोगिता में 35 स्वयंसेविकाओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं ने पोस्टर के माध्यम से संदेश दिया कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी उतना ही सचेत रहना चाहिए। डा. भावना शर्मा ने शपथ दिलाई कि हम अपने आसपास के पांच घर अगल और पांच घर बगल के लोगों को जागरूक करेंगे और गोपनीयता का विश्वास दिलाते हुई अपनी परेशानी साझा करने को आश्वस्त करेंगे। बताया कि कभी-कभी परेशानी बहुत छोटी होती है, लेकिन वो अंदर ही अंदर इंसान को खोखला बना देती है और परिणाम ये होता है कि या तो व्यक्ति बिल्कुल टूट जाता है या कोई गलत कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है। इसी स्थिति से लोगों को दूर ले जाना है उनका मनोबल बढ़ाना है। ये काम स्वयंसेविकाएं ही कर सकती हैं। प्राचार्य ओमकार त्यागी ने उनका मार्ग दर्शन किया। प्रतियोगिता में शबीला ने प्रथम, काजल ने द्वितीय और मोनिका व सोनिका तीसरा स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में संस्थापक एमपी त्यागी, इंदु त्यागी, शहनुमा, अमित पूजा,नेहा, प्राची, तनु पारुल मौजूद रहे।

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