मेरठ के पड़ोसी जिलों को भा रहा गांवड़ी का कचरा निस्तारण प्लांट, जानिए क्यों Meerut News
बीते दिनों सहारनपुर जिले के नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों से अधिकारियों की टीम गांवडी प्लांट देखने पहुंची। जिसमें गंगोह अम्बेहटापीर वेहट नानौता सुल्तानपुर चिलकाना रामपुर मनिहारन तीतरो आदि के अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे। इस प्लांट की काफी सराहना की गई।
मेरठ, जेएनएन। वायु प्रदूषण की स्थिति दिनोंदिन खतरनाक होती जा रही है। इसकी एक वजह महानगर व कस्बों में सालों से डंप लाखों टन कचरे को भी माना जा रहा है। लेकिन कचरे का निस्तारण एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को मेरठ नगर निगम ने गांवड़ी में बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट लगाकर कम करने की कोशिश की है। जिसमें वह काफी हद तक सफल भी साबित हुआ है। यही वजह है कि अब मेरठ की कचरा निस्तारण की यह तकनीक पड़ोसी जिलों को भी भा रही है। गांवड़ी प्लांट को देखने हर महीने कहीं न कहीं से टीम आ रही है।
इसी कड़ी में गत दिनों सहारनपुर जिले के नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों से अधिकारियों की टीम गांवडी प्लांट देखने पहुंची। जिसमें गंगोह, अम्बेहटापीर, वेहट, नानौता, सुल्तानपुर चिलकाना, रामपुर मनिहारन, तीतरो आदि के अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों ने बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन के संचालन की तकनीक जानी। मेरठ नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि इस मशीन से तीन तरह से कचरे का सेग्रीगेशन किया जाता है। ईंट-पत्थर, कंपोस्ट और आरडीएफ (प्लास्टिक कचरा) आदि को यह मशीन अलग-अलग कर देती है। ईंट-पत्थर का उपयोग खाली जमीनों की भराई में हो जाता है। आरडीएफ कंपनियां खरीद रही हैं। बची कचरे की कंपोस्ट का उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता है।
किसान कंपोस्ट खरीदेगा तो निगम को सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी। जिससे नगर निगम की आय भी बढ़ेगी। गांवड़ी में कचरे का पहाड़ था। अब केवल 30000 टन पुराना कचरा बचा है। बाकी कचरे का निस्तारण कर लिया गया है। सहारनपुर के अधिकारियों को यह प्लांट पसंद आया है। इसी तरह मुजफ्फर नगर, शामली, गाजियाबाद से नगर पालिका व नगर पंचायतों के अधिकारी प्लांट देखने आ चुके हैं।
सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि नगर पालिका व नगर पंचायतों के पास महानगरों की तरह ढेर सारा कूड़ा नहीं है। इसलिए वह यह प्लांट स्थापित नहीं कर सकते हैं। लेकिन उनकी ओर से मेरठ नगर निगम के गांवड़ी प्लांट तक कूड़ा पहुंचाने की बात कही जा रही है। लेकिन मेरठ नगर निगम की समस्या यह है कि अभी लोहिया नगर समेत कई स्थानों पर कूड़ा डंप है। जिसका निस्तारण पहले करना है। इसलिए अभी नगर पालिका व नगर पंचायतों के प्रस्तावों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।