Neh Need Foundation: मेरठ में अध्ययनरत बालक रामायण के पात्रों की भूमिका में रामलीला के प्रसंगों का कर रहे बखान
Neh Need Foundation मेरठ में राधेश्याम मोरारका सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर चार शताब्दी नगर में नेह नीड़ फाउंडेशन के तहत निश्शुल्क शिक्षा पा रहे जरूरतमंद परिवार के बच्चों द्वारा की जा रही रामलीला में वर्णित हो रही है। यहां पर काफी लोग मौजूद रहे।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Neh Need Foundation कोरोना काल के बाद इस वर्ष जगह-जगह प्रभु श्रीराम की लीलाओं का मार्मिक मंचन हो रहा है। लीलाओं में प्रभु श्रीराम की बाल्यावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था के मर्म और श्रीराम गाथा का सुनकर लोग निहाल हो रहे हैं। भगवान भास्कर के समान जाज्वल्यमान(प्रकाशमान) दरबार में मां सीता व अपने अनन्य भक्त भगवान हनुमान व लक्ष्मण आदि के साथ विराजमान प्रभु श्रीराम की नयनाभिराम आभा को देखकर भक्त हर्षित हो रहे हैं।
मनोहर दृश्य
कुछ ऐसे ही मनोहर दृश्य इन दिनों में राधेश्याम मोरारका सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर चार शताब्दी नगर में नेह नीड़ फाउंडेशन के तहत निश्शुल्क शिक्षा पा रहे जरूरतमंद परिवार के बच्चों द्वारा की जा रही रामलीला में वर्णित हो रही है। विजयादशमी उत्सव के उपलक्ष में नन्हे-मुन्ने बालकों द्वारा रामायण के विभिन्न पात्रों की स्वरूप पर आधारित वेशभूषा में प्रस्तुतियां दे रहे हैं। जिसमें बालक श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, हनुमान ,माता सीता, रावण, अंगद आदि के स्वरूपों को धरकर संवाद आदि जरिए अपनी प्रस्तुतियों में रोमांच और रामायण का बखान कर रहे हैं।
खूब हो रही सराहना
फाउंडेशन की ओर से बालकों की प्रस्तुति को इंटरनेट मीडिया माध्यम से लोगों के बीच भी प्रसारित किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भी बालकों की रामायण के प्रति रुचि और उनके प्रयास को लोग खूब सराहा रहे हैं।
सीता की खोज में निकले राम, शबरी ने खिलाए बेर
मेरठ : कैंट स्थित भैंसाली मैदान रामलीला के तहत मंगलवार को मुख्य प्रसंगों का मंचन हुआ। भगवान श्री राम का सीता की खोज में निकलना, मार्ग में माता शबरी से मिलन व शबरी का उन्हें बेर खिलाना आदि का भावपूर्ण मंचन हुआ। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग व महामंत्री गणेश अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार रात रामलीला के मंचन में श्रीराम कला केंद्र दिल्ली के कलाकारों ने बाली का वध, हनुमानजी सहित वानर सेना का माता सीता की खोज में निकलना, समुद्र तट पर पहुंचकर सबका हताश होना, जामवंत द्वारा हनुमान जी की शक्ति जागृत कराना, हनुमान जी का समुद्र पारकर लंका पहुंचना तथा अशोक वाटिका में माता सीता से मिलना और उन्हें अपनी पहचान बताना बेहद मार्मिक ढंग से हुआ।
हनुमान की पूंछ में आग, लंका दहन की
श्री रामलीला कमेटी रजिस्टर्ड मेरठ शहर की ओर से आयोजित रामलीला में भगवान राम सुग्रीव मित्रता के पश्चात बाली का वध करते हैं तथा सुग्रीव को किङ्क्षष्कधा का राज्य दोबारा दिलवाते हैं। इसके बाद चारों दिशाओं में माता सीता की खोज के लिए वानर दल भेजा जाता है। दक्षिण दिशा में भेजा गया वानर दल सीता की खोज में आगे बढ़ता हुआ समुद्र तक पहुंचता है। हनुमान जी एवं सीता जी के बीच संवाद का बड़े ही मार्मिक रूप से प्रसन्न किया गया। हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका उजाड़ दी गई। इससे कुपित होकर रावण हनुमान जी को बंदी बना लेता है तथा उनकी पूंछ में आग लगा देता है परंतु हनुमान जी द्वारा उसी पूंछ से लंका का दहन कर दिया जाता है।