वन्य जीव विहार की सीमा निर्धारण में लापरवाही भारी पड़ेगी
हस्तिनापुर वन्य जीव विहार की सीमा निर्धारण का कार्य निर्धारित समय से विलंबित हो रहा है।
मेरठ,जेएनएन। हस्तिनापुर वन्य जीव विहार की सीमा निर्धारण का कार्य निर्धारित समय से विलंबित हो रहा है। जिसपर शनिवार को कमिश्नर तथा इस कार्य के नोडल अधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने सभी जनपदों के अफसरों के साथ समीक्षा करके नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्य एनजीटी के आदेश से कराया जा रहा है। जिसमें लापरवाही अफसरों को भारी पड़ेगी। समय से कार्य न होने पर अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
हस्तिनापुर वन्य जीव विहार का क्षेत्र मेरठ, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा और मुजफ्फरनगर आदि जनपदों में फैला है। वन्य जीव विहार की सीमा के सुव्यवस्थीकरण और सीमा निर्धारण करने का आदेश एनजीटी ने दिया है। शासन ने इसके लिए मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह को नोडल अधिकारी बनाया है। उन्होंने शनिवार को उक्त सभी जनपदों के डीएम, डीएफओ तथा एसडीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। मुख्य वन संरक्षक, एनके जानू के संचालन में चली बैठक में कमिश्नर ने एक एक जनपद की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि कई जनपदों में निर्धारित समय सीमा के मुताबिक कार्य नहीं किया जा रहा है। मेरठ समेत कई जनपदों में कोआर्डिनेट्स के अनुसार नव्य जीव विहार की सीमा में शामिल किए जाने वाले नए गांवों के संबंध में अधिसूचना तक जारी नहीं की जा सकी है। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने सभी संबंधित अफसरों को चेतावनी दी। उन्होंने डीएम और एसडीएम को बताया कि यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण और समयबद्ध है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश 7 फरवरी 2020 और 10 जून 2021 के तहत किया जा रहा है। इससे संबंधित प्रत्येक कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाना जरूरी है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस कार्य में लापरवाही या लेटलतीफी के लिए कोई स्थान नहीं हैं। अधिकारी इससे संबंधित कार्य समय से पूरे करें अन्यथा उनकी जिम्मेदारी तय करके रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।