ऐ भाई, जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी..

एनसीआरबी रिपोर्ट 2020 के अनुसार आबादी के अनुपात में हिट एंड रन के मामले में मेरठ चौथे स्थान पर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:30 AM (IST)
ऐ भाई, जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी..
ऐ भाई, जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी..

मेरठ, जेएनएन। ऐ भाई, जरा देख के चलो, आगे ही नहीं पीछे भी..।। गीतकार गोपालदास नीरज की इस रचना का एक-एक शब्द मेरठ की सड़कों पर चलने वाले राहगीरों के लिए सटीक बैठता है। अगर आप खुद नियमानुसार वाहन चला रहे हैं, तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि दूसरा भी ऐसा ही कर रहा होगा। इसलिए सड़क पर अधिक सचेत होकर चलने की जरूरत है। जनपद में हिट एंड रन (टक्कर मारकर भागने) की दर चेताने वाली है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार आबादी के अनुपात में हिट एंड रन के मामलों में 34 महानगरों में मेरठ चौथे स्थान पर है। यह दर प्रति लाख आबादी पर आकलित की जाती है। सूची में देश के प्रमुख शहरों भोपाल, चंडीगढ़, तिरुअनंतपुरम, कोटा, लुधियाना को शामिल किया गया है। यह रिपोर्ट परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों से संकलित की गई है।

वर्ष 2020 में मेरठ में सड़क हादसों में 152 मौतें हुई। ये सभी हिट एंड रन के मामले थे। वहीं, आगरा में सर्वाधिक 462 मामले हिट एंड रन के आए हैं और यह सूची में प्रथम स्थान पर है। हिट एंड रन के मामलों का आकलन करने पर मेरठ की दर 10.7 है। आगरा में यह दर 26.5 है। 34 शहरों की औसत दर केवल 3.8 है। सड़क हादसों में हुई मौतों की संख्या के मामलों में आगरा के बाद दूसरे नंबर पर आसनसोल है। हिट एंड रन का यहां पर कोई मामला नहीं है।

नहीं हो सकती आरोपित की पहचान : हिट एंड रन का अर्थ है कि आरोपित वाहन चालक टक्कर मारकर रुकने और पीड़ित की मदद करने के बजाय भाग जाए। संभागीय परिवहन कार्यालय प्रवर्तन के प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि इसमें वे मामले शामिल किए जाते हैं जिसमें जिम्मेदार वाहन की पहचान न हो सके। उन्होंने बताया कि हादसों की रोकथाम के लिए 25 से 30 सितंबर तक सड़क सुरक्षा अभियान चलेगा। इसमें अलग-अलग दिन जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे।

सबसे ज्यादा हादसे दिल्ली-देहरादून हाईवे पर : एसपी ट्रैफिक

एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में सड़क हादसों में होने वाली सबसे ज्यादा मौतें दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर हैं। परतापुर से लेकर पल्लवपुरम के बीच ही अधिकांश मामले सामने आए हैं। इसके पीछे मुख्य कारण गलत ढंग से बने हुए कट हैं। दुर्घटना करके भाग जाना मानवीय दृष्टिकोण में कमी को दर्शाता है। इसी को लेकर सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाता है।

चंडीगढ़ में सबसे कम मौतें : सूची में दर्ज शहरों में चंडीगढ़ में सबसे कम 41 मौतें हुई हैं। इनमें हिट एंड रन में 16 लोगों की जान गई है। यहां पर दर 1.6 है।

इन शहरों में हिट एंड रन के सर्वाधिक मामले

शहर मृतकों की संख्या दर

आगरा 462 26.5

वाराणसी 173 12.1

ग्वालियर 126 11.4

मेरठ 152 10.7

34 शहरों में कुल मामले 1791 3.8

(दर प्रति लाख आबादी के अनुसार)

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