सरकार ने दावे तो बड़े-बड़े किए, हाईवे तक के गड्ढे नहीं भरवा पाई

सड़कों की सेहत को लेकर सरकार विभिन्न मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करती रही है। प्रदेश सरकार एक वर्ष का कार्यकाल भी पूरा कर चुकी है। हकीकत दावों से बहुत दूर खड़ी नजर आ रही है। मेरठ में संपर्क मार्गो की बात छोडिए नेशनल हाईवे तक का हाल बुरा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Mar 2018 01:03 PM (IST) Updated:Wed, 28 Mar 2018 01:03 PM (IST)
सरकार ने दावे तो बड़े-बड़े किए, हाईवे तक के गड्ढे नहीं भरवा पाई
सरकार ने दावे तो बड़े-बड़े किए, हाईवे तक के गड्ढे नहीं भरवा पाई

मेरठ। मवाना से पौढ़ी नेशनल हाईवे-119 आजकल खूनी सड़क के नाम से पहचान बना रहा है। साल भर से हाइवे का हाल इस कदर खराब हो चला है कि एक ओर यात्रा खतरनाक हो चुकी है तो दूसरी ओर समय दोगुना लग रहा है। मरम्मत के अभाव में लगातार जर्जर हो रही सड़क आए दिन हादसों का गवाह बन रही है। एनएच का चौड़ीकरण हालांकि अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने सड़क की मरम्मत से भी खुद को दूर कर लिया है। यशोदा कुंज कालोनी से मवाना खुर्द तक पूरा हाइवे जानलेवा बन चुका है। मेरठ से निकलकर बिजनौर तक हालात और भी खराब हैं।

जरा धीरे चलना.

कमिश्नर आवास चौराहे से आरंभ होने वाले एनएच-119 मवाना रोड पर यशोदा कुंज से गड्ढ़ों की शुरूआत होती है। रजपुरा चौपला, ईस्ट डिफेंस कालोनी, जेपी एकेडमी, सलारपुर, एसएनवीपी, एबीएसएस, जेएसएम, सैनी पुल, पेट्रोल पंप, शार्पेन पब्लिक स्कूल, मसूरी भट्टा और बना तक सड़क में कदम दर कदम बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। गड्ढ़ों की लंबाई व चौड़ाई मापना मुश्किल है। गड्ढ़ों के अलावा सड़क टूटने के कारण रोडी व पत्थर बिखरे पड़े हैं।

स्कूलों के लिए बड़ी मुसीबत

मवाना रोड पर एक दर्जन सीबीएसई पब्लिक स्कूल व इंजीनिय¨रग मैनेजमेंट कॉलेज हैं। इन सबमें आने वाले छात्र-छात्राएं व बसों के लिए गड्ढे बडी मुसीबत से कम नहीं है। गड्ढ़ों के कारण विद्यार्थी और शिक्षक से लेकर आम आदमी तक सब परेशान हैं।

छिन गया मां का आंचल

गांव अम्हेडा आदिपुर निवासी मेडिकल स्टोर संचालक सुशील कुमार 22 जनवरी को अपनी पत्नी शबनम शर्मा के साथ भद्रकाली मंदिर में प्रसाद चढ़ा कर बाइक से वापस लौट रहे थे। गांव बहचौला के पास गड्ढे के कारण पत्नी सड़क पर गिरकर घायल हो गई। तीन दिन अस्पताल में उपचार के बाद भी शबनम की ¨जदगी नहीं बच सकी। सुशील के दोनों बेटों तुषार व शिखर का कहना है कि गड्ढों के कारण उनके सिर से मां का आंचल छीन गया।

काल के असमय शिकार बने लोग

मवाना रोड पर आधा दर्जन से अधिक असमय काल के आगोश में समा गए। पिछले तीन माह में कई मौत हो चुकी हैं। 17 दिसंबर को इंचौली निवासी फैजान, 15 फरवरी को इंचौली निवासी इस्लामुदीन, इसी दिन इंचौली निवासी असलम की मौत हो गई। इसी दिन प्राइवेट बस मेरठ से मवाना जाते हुए सैनी पुल पर पलट गई और पूरी बस जलकर खाक हो गई। 6 जनवरी को लावड़ निवासी शिवकुमार की मसूरी तिराहे पर मौत हुई। उसी दिन नंगली ईसा निवासी विक्रांत ट्रैक्टर के नीचे दबकर मौत का शिकार बना। 14 फरवरी को बहचौला के पास उरैया निवासी रामप्रसाद की मौत हुई। मार्च माह में दयाचंद, सुरेश व रवि भी असमय अपनी जान से हाथ धो बैठे।

चौड़ीकरण के पहले हो जाएगी मरम्मत

जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है कि एनएच-119 के चौड़ीकरण की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जा चुकी है। सड़क की मरम्मत के लिए भी संबंधित विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं। चौड़ीकरण से पहले सड़क की मरम्मत करा दी जाएगी।

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