शादियों, जन्मदिन पार्टियों के लिए मुफ्त ले सकेंगे बर्तन, जानिए निगम के 'बर्तन बैंक' बनाने की वजह Meerut News
इंदौर की तर्ज पर मेरठ नगर निगम भी अब बर्तन बैंक स्थापित करने जा रहा है। नगर आयुक्त ने अधीनस्थ अधिकारियों को इसकी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मेरठ, जेएनएन। इंदौर की तर्ज पर मेरठ नगर निगम भी अब बर्तन बैंक स्थापित करने जा रहा है। नगर आयुक्त ने अधीनस्थ अधिकारियों को इसकी रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बर्तन बैंक से शादी, जन्मदिन पार्टी, किटी पार्टी मसलन छोटे छोटे समारोह के लिए बर्तन निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। बर्तन बैंक में स्टील की थाली, गिलास, कटोरी, चम्मच और नाश्ते की प्लेट आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। नगर आयुक्त ने सहायक नगर आयुक्त को यह जिममेदारी सौंपी है।
इंदौर में बर्तन बैंक कामयाब
मेरठ के नगर आयुक्त डॉ अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि इंदौर में बर्तन बैंक बहुत कामयाब हुआ है। यह स्कीम बनाने के पीछे मुख्य वजह यह रही कि लोग शादी समारोह, छोटे छोटे आयोजनों में डिस्पोजल आयटम का उपयोग अधिक करते हैं। यह डिस्पोजल उपयोग करने के बाद सड़क पर या कचरा घरों में फेंक दिया जाता है। शादियों के सीजन में कचरे के ढेर में सबसे अधिक कचरा डिस्पोजल आयटम का होता है। इंदौर नगर निगम बर्तन बैंक के जरिए डिस्पोजल आइटम के उपयोग पर काफी हद तक रोक लगाने में सफल हुआ है। वहां लोग नगर निगम के बर्तन बैंक से बर्तन लेकर शादी समेत छोटी छोटी पार्टियां निपटाते हैं। इससे लोगों का इस सामग्री पर खर्च होने वाला अतिरिक्त पैसा बचता है। लोगों को भी लाभ होता है और डिस्पोजल आयटम का प्रयोग नही होने से शहर भी स्वच्छ रहता है। बर्तन देते समय इस बात का पत्र लिया जाता है कि सम्बंधित व्यक्ति डिस्पोजल आयटम का उपयोग कतई नहीं करेगा।
निश्शुल्क बर्तन कराएंगे उपलब्ध
दरअसल, इंदौर नगर निगम में बर्तन निश्शुल्क दिए जाते हैं जिससे लोग लेने में हिचकिचाते नहीं हैं और उपयोग के बाद फिर नगर निगम को वापस कर देते हैं। इसी तर्ज पर मेरठ नगर निगम में भी बर्तन बैंक की रूपरेखा बनाई जा रही है। करीब हर प्रकार के स्टील के 500 बर्तनों का सेट उपलब्ध कराने की योजना है। जिसमे ज्यादातर वही बर्तन रहेंगे जो डिस्पोजल आइटम की जगह उपयोग किये जा सकेंगे। बर्तन बैंक नगर निगम परिसर में ही स्थापित होगा।
मेरठ में प्रतिदिन 900 टन कूड़े का उत्सर्जन
मेरठ नगर निगम के सामने कूड़ा निस्तारण बड़ी चुनौती है। प्रतिदिन 900 मीट्रिक टन कूड़ा शहर में उत्सर्जित होता है। जिसमें बड़ी मात्रा में डिस्पोजल आइटम होता है। जिसमे थर्माकोल व प्लास्टिक के प्लेट, गिलास, थाली, चम्मच, कटोरी होती है। जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है। केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्माकोल के उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन प्रभावी रोकथाम नही हो पा रही है।
कूड़ा उत्सर्जन कम करने पर है जोर
नगर निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम 2016 के तहत कूड़ा उत्सर्जन कम करने पर अब जोर दे रहा है। होटल, विवाह मंडप, रेस्टोरेंट, ढाबा, भोजनालय में भी डिस्पोजल आयटम के इस्तेमाल पर नगर निगम प्रतिबंध लगाएगा। इनके संचालको को नोटिस देकर स्थायी बर्तन जैसे स्टील और कांच के बर्तनों के उपयोग की सलाह देगा। अगर नोटिस के बाद भी नहीं माने तो न्यूनतम 5000 रुपये जुर्माना लगाकर डिस्पोजल आइटम के उपयोग पर रोक लगाई जाएगी।