नगर आयुक्त व एफसी हैं चूना घोटाले के दोषी, वसूली जाए राशि
नगर निगम में चूना घोटाले की जांच के बाद घोटाले की राशि की तत्कालीन अफसरों से वसूली का आदेश मंडलायुक्त ने दिया है।
मेरठ (जेएनएन)। नगर निगम में चूना घोटाले की जांच के बाद घोटाले की राशि की तत्कालीन अफसरों से वसूली का आदेश मंडलायुक्त ने दिया है। इस पर तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी तथा वर्तमान में डिप्टी सीएमओ कासगंज डा. प्रेम सिंह ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर असली दोषी नगर आयुक्त और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को बताया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि पहली जांच में निगम के चार तत्कालीन नगर आयुक्त, लेखा विभाग तथा लेखा परीक्षकों को दोषी पाया गया था। फिर नये सिरे से जांच हुई। इसमें उन तत्कालीन नगर आयुक्तों को बचाने का प्रयास किया गया जोकि वर्तमान में प्रमोशन प्राप्त करके आइएएस बन चुके हैं। नई जांच में असली दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया है। निगम में कोई भी खरीददारी स्वास्थ विभाग के प्रस्ताव पर अपर नगर आयुक्त व नगर आयुक्त द्वारा दी जाती है। सप्लाई मिलने के बाद भुगतान हेतु पत्रावली लेखा और ऑडिट जांच के बाद अपर नगर आयुक्त तथा अंत में नगर आयुक्त के पास जाती है। इसके बाद चेक बनता है तथा वित्त नियंत्रक और नगर आयुक्त के हस्ताक्षर से भुगतान का चेक जारी होता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी कोई भुगतान नहीं करता। उन्होंने कमिश्नर से इस प्रकरण की नये सिरे से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।