Muzaffarnagar riots : साक्ष्य के अभाव में दंगे के 20 आरोपित बरी, केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के गांव में हुई थी आगजनी

मुजफ्फरनगर के गांव कुटबी निवासी हाजी सिराजुद्दीन ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि आठ सितंबर 2013 को वह परिवार सहित घर पर थे। आरोप था कि शाम के समय करीब सौ-दो सौ हथियारबंद लोगों ने उसके घर पर हमला बोल दिया था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 10:03 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 10:03 PM (IST)
Muzaffarnagar riots : साक्ष्य के अभाव में दंगे के 20 आरोपित बरी, केन्द्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के गांव में हुई थी आगजनी
मुजफ्फरनगर में साक्ष्य के अभाव में दंगे के 20 आरोपित बरी

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव कुटबी में लूट, आगजनी तथा बलवा आदि के मुकदमे में आरोपित चल रहे 20 लोगों को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सोमवार को बरी कर दिया। यह घटना केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के गांव कुटबी में घटी थी।

गांव कुटबी निवासी हाजी सिराजुद्दीन ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि आठ सितंबर 2013 को वह परिवार सहित घर पर थे। आरोप था कि शाम के समय करीब सौ-दो सौ हथियारबंद लोगों ने उसके घर पर हमला बोल दिया था। हमलावर सांप्रदायिक नारे लगा रहे थे। आरोप था कि हमला कर उनके घर में लूटपाट की गई। परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट भी हुई। किसी तरह वह तथा परिवार के अन्य सदस्य जान बचाकर घर से भागे। इस दौरान हमलावर उनके घर को आग के हवाले कर चुके थे। इस मामले में हाजी सिराजुद्दीन ने गांव के ही काला, रवि, पुष्पेन्द्र, दीपक उर्फ उचित कुमार, प्रदीप, विश्वजीत, पप्पू उर्फ वरण, ममत उर्फ धर्मपाल, रकल उर्फ फर्मीपाल, गोङ्क्षवद उर्फ सौरभ, निखिल, आकाश, नीरीवाल, कुलदीप, नीटू, काला उर्फ चन्द्रकांत, पवन, सोनू उर्फ गौरव, रांझा उर्फ राजपाल, ओमपाल तथा सचिन सहित 21 लोगों को आरोपित किया था। घटना का मुकदमा दर्ज कर एसआइटी ने मामले की विवेचना की थी। विवेचना उपरांत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या छह बाबूराम के समक्ष हुई। घटना साबित करने के लिए अभियोजन ने कोर्ट में 12 गवाह पेश किए। अभियोजन के अनुसार सभी गवाह पक्षद्रोही साबित हुए। पेश सुबूत तथा गवाह एवं दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद सोमवार को कोर्ट ने सभी 20 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। एक आरोपित की मौत मुकदमे की सुनवाई के दौरान काफी पहले हो गई थी।

इन्‍होंने कहा

सभी गवाह पक्षद्रोही साबित हुए थे। फैसले का गहनता से अध्ययन किया जा रहा है। उसके उपरांत अभियोजन आगे की कार्यवाही करेगा।

नरेन्द्र शर्मा, एडीजीसी

chat bot
आपका साथी