Sawan 2021: मुजफ्फरनगर में भंडूरा का प्राचीन शिवमंदिर, यहां होती हैं मन्‍नतें पूरी, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

Sawan 2021 मुजफ्फरनगर जिले में प्राचीन शिव मंदिर भंडूरा में सावन के महीने में दूर-दूर से लोग मंदिर में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपनी मन्नतें पूरी करते है। ग्रामीणों के अनुसार इस मंदिर में में सच्चे मन से मांगी गई मुरादें पुरी होती हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:00 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:00 PM (IST)
Sawan 2021: मुजफ्फरनगर में भंडूरा का प्राचीन शिवमंदिर, यहां होती हैं मन्‍नतें पूरी, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
मुजफ्फरनगर में प्राचीन शिव मंदिर भंडूरा क्षेत्र के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र बना हुआ है।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। Sawan 2021 मुजफ्फरनगर के जानसठ में सिखेडा थाना क्षेत्र के गांव भंडूरा में प्राचीन शिव मंदिर भंडूरा क्षेत्र के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र बना हुआ है। क्षेत्र के सैकड़ों लोग रोज शिवालय में जल चढाकर भगवान आशुतोष को प्रसन्न करते हैं। भंडूरा गांव के ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों लोग भी मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते है। सावन के महीने में दूर-दूर से लोग मंदिर में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपनी मन्नतें पूरी करते है। ग्रामीणों के अनुसार इस मंदिर में में सच्चे मन से मांगी गई मुरादें पुरी होती हैं।

मंदिर का इतिहास

मंदिर के बारे में लोग बताते है कि यह मुगलकालीन मंदिर है सैंकडों साल पहले एक जमीदार ने अपनी जमीन किसी किसान को बटाई पर दे रखी थी। बटाईदार जब उसमें हल चला रहा था तो एक स्थान पर उसका हल अटक गया। वहां पर खुदाई करके देखा तो वहां पर शिवलिंग दिखाई दिया। उसके बाद ही उस जमीदार ने वहां पर मंदिर को बनवाया था। मंदिर में शिव मंदिर के अलावा गणेश, लक्ष्मी, व नंदी की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर परिसर के मुख्यमार्ग पर बडा सा गेट बना रखा था।

मंदिर की विशेषता

मंदिर में श्रावण मास में हजारों श्रद्धालु वहां पर हरिद्वार से गंगा जल लाकर चढाते है। मंदिर करीब 13 बीघे में बना होने के कारण काफी बडा है। मंदिर के परिसर में कई तरह के पेड लगा रखे है जिससे वहां की छवि बहुत सुंदर लगती है। श्रावण मास में करीब एक सप्ताह तक बहुत बड़ा मेला लगता है। जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु आते है। मंदिर में श्रावण मास के सोमवार को अधिक संख्या में श्रद्धालु आकर जल चढाते है। मंदिर के पुजारी आलोकानंद सस्वती ने बताया कि मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई सभी मन्नतें पूरी होती हैं। उन्होंने बताया कि बहुत समय पहले यह शिवलिंग बहुत छोटा था लेकिन हर साल यह अपने आकार में वृद्धि कर लेता है।

इनका कहना है  

मंदिर की मान्यता के कारण दूर दराज से लोग आते हैं और जलाभिषेक करते हैं। श्रावण मास में मेला लगता है। श्रद्धालु वहां पर मन्नतें मांग कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं।

- आलोकानंद सरस्वती, पुजारी

मंदिर में प्रतिदिन आरती के साथ भजन किया जाता है। जिसमे गांव के बहूत से श्रद्धालु भाग लेते है। श्रावण मास में मंदिर में विशेष भजन संध्या की जाती है। जिससे मन को बहुत शांति मिलती है।

- दीपक बंजार, श्रद्धालु

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